बाजारों में बिक रहे रंग गुलाबो में हर्बल और जैविक रंग कम बिक रहे हैं। बाजारों पर केमिकल रंगों का साम्राज्य कायम है।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर में होली का रंग शनै शनै परवान चढ़ने लगा है। बाजारों और चौक चौराहों पर दुकानों में रंग और गुलाल खूब बिक रहा है। बाजारों में बिक रहे रंग गुलाबो में हर्बल और जैविक रंग कम बिक रहे हैं। बाजारों पर केमिकल रंगों का साम्राज्य कायम है। सच बात यह है कि खोदावंदपुर के बाजारों और विभिन्न चौक चौराहा स्थित दुकानों में सजी पिचकारी और रंग की दुकानो में अधिकतर दुकानदारों और खरीदारों को कॉस्मेटिक और हर्बल रंगों के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नही है।
आमलोग हर्बल और केमिकल रंग का नाम तो सुने हैं। लेकिन उन्हें यह पता नही है। हम जो रंग गुलाल खरीद रहे हैं। वह हर्बल है या कॉस्मेटिक। खोदावंदपुर बाजार स्थित रंग और गुलाल विक्रेता राम कुमार दास ने बताया कि हर्बल और केमिकल रंग हमारे लिए कोई मायने नही रखता? बाजारों में रंग गुलाल जो उपलब्ध है हम वही बेचते हैं। हालांकि उन्होंने बताया कि कुछ हर्बल और जैविक रंग भी हैं जो महंगे हैं। वह भी हमारे पास है ।लेकिन उसकी मात्रा कम है। कम ही होलसेल से खरीदकर लाते हैं।
इसके प्रयोग से चर्मरोग, आंखों में जलन, त्वचा पर चुनचुनाहट, सरदर्द आदि हो सकता है। लोगो को ज्यादा से ज्यादा हर्बल और जैविक रंगों का प्रयोग करना चाहिए। कॉस्मेटिक रंगों के प्रयोग से बचना चाहिए। रंग गुलाल खेलने से पूर्व शरीर पर पूरा कपड़ा पहना, त्वचा पर नारियल या सरसो तेल को लगाना लाभकर होगा।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट