डीएनबी भारत डेस्क
बिहार नगर निकाय चुनाव में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के मामले में उच्च न्यायालय पटना में आज सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार की पुनर्विचार की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान खंडपीठ को राज्य सरकार ने जानकारी दी कि अति पिछड़ा वर्ग के पिछड़ेपन के आंकड़े के लिए एक आयोग का गठन किया गया है। जिसके बाद सुनवाई कर रही खंडपीठ ने कहा कि मामले को ईबीसी कमीशन के समक्ष भेजें जिसके बाद ईबीसी कमीशन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार रिपोर्ट पेश करेगी।
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सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के खंडपीठ ने यह साफ कर दिया कि रिपोर्ट आने के बाद ही बिहार में नगर निकाय चुनाव कराई जा सकेगी। सुनवाई में राज्य सरकार का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता विकास सिंह एवं वरीय अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने रखा। विदित हो कि बिहार में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी हो गई थी। उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर चुके थे। 10 अक्टूबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिए गए थे। उम्मीदवार चुनाव प्रचार में जोर-शोर से लगे थे। इसी बीच पटना हाई कोर्ट के फैसले से सबकुछ फंस गया।