ज्ञानी अर्थात गुरु के प्रति निष्ठा और श्रद्धा समर्पण का पर्व है,गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है

 

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सर्वमंगला में हनुमत ध्वजारोहण किया गया

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले में सर्वमंगला आश्रम सिमरिया धाम में बुधवार को  हरिसैयनी एकादशी एवं स्वामी चिदात्मन जी महाराज के अवतरण दिवस के पावन अवसर पर सर्वमंगला सिद्धाश्रम के अधिष्ठाता प्रातः स्मरणीय परम पूज्य संत स्वामी चिदात्मन जी महाराज के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजन व हवन कर हनुमंत ध्वजारोहण किया गया। मौके पर आश्रम में पधारे हुए श्रद्धालुओं ने स्वामी चिदात्मन जी महाराज का चरण स्पर्श कर आशिर्वाद प्राप्त किया। तो किसी ने गुरु का आशीर्वाद प्राप्त कर मंगल एवं शुभ कार्य आरम्भ किया।

इस दौरान सर्वमंगला सिद्धाश्रम सिमरिया धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। किसी ने गुरु को अंग वस्त्र से सम्मानित किया तो किसी ने मिष्टान्न चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न किया। मौके पर रविन्द्र ब्रह्मचारी, दिनेश झा, नारायण झा, रमेश मिश्र, राजो मिश्र, नवीन प्रसाद सिंह, दिनेश प्रसाद सिंह, नृपेंद्र सिंह, मिडिया प्रभारी नीलमणि रंजन, राम, श्याम, लक्ष्मण सहित अन्य उपस्थित थे। वहीं स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने ज्ञान,ज्ञानी तथा गुरु एवं शिष्य के संदर्भ में दो पंक्ति कहते हुए कहा कि ज्ञानी अर्थात गुरु के प्रति निष्ठा और श्रद्धा समर्पण का पर्व है।

गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है। इस दिन, शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनका सम्मान करते हैं। कहा जाता है कि महर्षि वेदव्यास ने अपने बाल्यकाल में अपने माता-पिता से प्रभु दर्शन की इच्छा प्रकट की, लेकिन माता सत्यवती ने वेदव्यास की इच्छा को ठुकरा दिया। तब वेदव्यास ने हठ करने लगे और उनके हठ पर माता ने उन्हें वन जाने की आज्ञा दे दी।

वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए मिडिया प्रभारी नीलमणि रंजन ने बताया कि इसी प्रकार प्रातः स्मरणीय परम पूज्य गुरुदेव स्वामी चिदात्मन जी महाराज के अवतरण दिवस पर विशेष रूप से गुरु पूर्णिमा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पांच दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट