डीएनबी भारत डेस्क
अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय पहुंचे केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने आज बड़ा बयान दिया है। उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं रह गई है सरकार अपराधियों से घिरी हुई है। जिसका परिणाम है कि बेगूसराय के व्यवसायियों ने अपनी चाबी डीएम को सौंप दी बिहार मे स्थिति ऐसी आ गई है। उन्होंने कहा कि बिहार में जब गृह राज्यमंत्री पर कोई हंगामा होता है हमला होता है तो यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
नाम बदले जाने के मामले में कहा कि आजादी से पहले मुगलों का राज्य था मुगलों के द्वारा धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया नालंदा जैसे ज्ञान विज्ञान के केंद्र को तोड़ा गया खिलजी ने यह सब किया। आज बख्तियारपुर हो बेगूसराय हो या दुसरा जिला कोई भी जिले को आजादी के बाद इन गुलामी के नामों को हटा देने की जरूरत है। अगर मेरी सरकार बनेगी तो गुलामी के सारे चिन्हों को हटा दिया जाएगा। यह कोई तुष्टिकरण की राजनीति नहीं है क्योंकि यह भारत के बाकि मुसलमान भी मुगल के वंशज नहीं है हमारे ही वंशज हैं।
रामनवमी पर दंगे के मामले में उन्होंने कहा कि रामनवमी पर मुख्यमंत्री इतने कमजोर हैं कि वोट के लिए बिहार के दंगाइयों को छोड़ रहे हैं और हिंदुओं को फंसा रहे हैं यह बहुत दिन तक चलने वाला नहीं है इस पर उनसे आग्रह करूंगा कि दंगाइयों को फंसाये और हिंदुओं पर झूठा मुकदमा वापस ले। नीतीश कुमार के पीएम मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने पर कौन मना करेगा सपना तो कोई भी देख सकता है। इसके लिए किसी को मना नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता और देश की जनता ने अपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुन लिया है इसलिए मुख्यमंत्री का पद खाली ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि बिहार में तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले को जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि रोम जल रहा था वही नीरो बंसी बजा रहे थे ठीक उसी तरह बिहार के मुख्यमंत्री नालंदा जल रहा था सासाराम जल रहा था और मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने में लगे हुए थे। उन्हें लगता है कि टोपी पहने बिना वह प्रधानमंत्री बन ही नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें देखना है तो बगल के राज उत्तर प्रदेश में देख ले जहां उत्तर प्रदेश में मंदिरों से नहीं मस्जिदों से भी लाउड स्पीकर हटा दिया गया मजाल नहीं कि कोई वहां पर दंगा कर दे। नीतीश कुमार को लगता है कि उन्हें कोई कहने वाला नहीं तो बिहार में तो उनकी ही संरक्षण में दंगा हो रहा है।
मंदिरों को तोड़े जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है अब तो मैं यह दूसरी मांग करता हूं कि बिहार में मंदिरों को सरकारी करण कर दिया गया है मुसलमान के मस्जिदों और अन्य दूसरे को क्यों नहीं बिहार में मंदिरों को स्वतंत्र कर उन्हीं को अधिकार दिया जाए.
बेगूसराय से सुमित कुमार (बबलू)