गढ़हरा रेलवे हाल्ट पर कमला गंगा इंटरसिटी ट्रेन का ठहराव बंद किये जाने से आक्रोशित ग्रामीण करेंगे आंदोलन

आक्रोशित ग्रामीणों ने गढ़हरा हाल्ट पर कमला गंगा के अलावे कोशी व राज्यरानी ट्रेन के ठहराव मांग किया।

आक्रोशित ग्रामीणों ने गढ़हरा हाल्ट पर कमला गंगा के अलावे कोशी व राज्यरानी ट्रेन के ठहराव मांग किया।

डीएनबी भारत डेस्क 

पूर्व मध्य रेलवे सोनपुर मंडल अंतर्गत बरौनी सिमरिया रेल खंड के मध्य गढ़हरा हाल्ट पर कई ट्रेनों का ठहराव पर रेल प्रशासन की ओर से रोक लगा दिए जाने से स्थानीय ग्रामीण, जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवियों में काफी आक्रोश है। खासकर कमला गंगा इंटरसिटी ट्रेन का ठहराव भी बीते सप्ताह रेलवे विभाग द्वारा बंद किये जाने से लोगों में ज्यादा आक्रोश है। बताते चलें कि इस ट्रेन का गढ़हरा हाल्ट पर बंद किये जाने से गढ़हरा आसपास क्षेत्र के लगभग दस गांव की एक लाख आबादी का आवागमन एवं अन्य विकास कार्य प्रभावित होने की संभावना हैं।

समाजसेवी मुक्तेश्वर प्रसाद वर्मा, लालबहादुर महतो, राम अनुग्रह शर्मा ने कहा कि स्थानीय लोग तो कोशी एक्सप्रेस और राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन की ठहराव की मांग कर रहे थे। जो पूरा नहीं हुआ उल्टे कमला गंगा ट्रेन का स्टॉपेज गढ़हरा हाल्ट पर रोककर इस क्षेत्र के साथ सौतालेपन का व्यवहार की पुनरावृति की जा रही है। गढ़हरा का स्थान एशिया में प्रसिद्ध रहा है। लेकिन 1985 के बाद गढ़हरा की उपेक्षा लगातार हो रही है। इसे स्थानीय लोग बर्दास्त नहीं करेंगे। और रेल प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ स्थानीय लोग आंदोलन की तैयारी में जुट गये हैं।

रेलवे रनिंग कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि गाड़ियों के ठहराव को लेकर सूचना देकर शांतिपूर्ण ढंग से जनांदोलन की जरूरत है। पूर्व मुखिया गोपीनाथ साह ने कहा कि गाड़ियों का ठहराव और टिकट काउंटर होना अति आवश्यक है। इसके लिए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन की आवश्यक है। साथ ही लोगक ने रेलवे से होने वाली समस्हाया के बारे में कहा हॉल्ट पर टिकट काउंटर का नीजी संचालन से संचालित हो रहा है। काउंटर ट्रेन के समय में नहीं खुलता है। सुबह 5 बजे पटना डीएमयू का टिकट लेने के लिए लोगों को गढ़हरा के बजाय लगभग 3 किलोमीटर की दूरी तय कर बरौनी जाना पड़ता है।

समाजसेवी सत्येंद्र मिश्र ने कहा कि गढ़हरा को प्रारंभ से ही राज्य अथवा केंद्रीय सरकार द्वारा शोषण किया जा रहा है जिसका उदाहरण यार्ड की खाली पड़ी 22 सौ एकड़ जमीन है। जबकि रेल परियोजनाओं के लिए अधिकांशतः भूमि गढ़हरा के लोगों का ही अधिग्रहण किया गया। गढ़हरा से प्रखंड मुख्यालय अथवा जिला मुख्यालय तक के लिए अभीतक एक भी सीधा सड़क नहीं है। गढ़हरा के पूर्व उत्तर दिशा से रेल लाइन ,दक्षिण -पश्चिम में गंगा नदी स्थित है। अब गढ़हरा हाल्ट के माध्यम से भी जो आमलोग सहजता व सुलभता से ट्रेन की यात्रा करते थे। धीरे- धीरे वहां भी ट्रेनों का ठहराव भी बंद हो रहा है। गढ़हरा परिक्षेत्र के लोगों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज को बुलंद करना होगा।

मौके पर विनोद कुमार सिंह, अधिवक्ता अशोक ठाकुर, प्रमोद सिंह, नितेश कुमार, रंजीत कुमार, आदि ने कहा कि एशिया प्रसिद्ध गढ़हरा की उपेक्षा रेल प्रशासन लगातार कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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