देखते रह गये पदाधिकारी और नेता, नहीं रूका सिमरिया में गंगा विलास क्रुज

जिला प्रशासन के द्वारा गंगा विलास क्रुज का सिमरिया में ठहराव को लेकर किये गये थे व्यापक इंतजाम, पर रूका नहीं गंगा विलास क्रुज।

जिला प्रशासन के द्वारा गंगा विलास क्रुज का सिमरिया में ठहराव को लेकर किये गये थे व्यापक इंतजाम, पर रूका नहीं गंगा विलास क्रुज।

डीएनबी भारत डेस्क

अपने 51 दिवसीय यात्रा पर विदेशी सैलानियों को लेकर 9वें दिन गंगा विलास क्रुज का 18 जनवरी बुधवार की सुबह आगमन को लेकर बेगूसराय जिला प्रशासन के पदाधिकारी, नेता व आमलोग काफी उत्साहित थे। लेकिन सबों को उस समय मायूसी का सामना करना पड़ा जब तय कार्यक्रम के बावजूद गंगा विलास क्रुज सिमरिया गंगा धाम तट पर बगैर रूके मुंगेर की ओर बढ़ता चला गया।

देखते रह गये पदाधिकारी और नेता, नहीं रूका क्रुज 

जिला प्रशासन के अनुसार 18 जनवरी बुधवार की सुबह लगभग 1घंटे के लिए गंगा विलास क्रुज का सिमरिया गंगा धाम तट पर ठहराव सुनिश्चित था। जहां क्रुज में सवार विदेशी सैलानियों का गंगातट से सटे आसपास के गांव का भ्रमण एवं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के जन्म स्थली सिमरिया गांव का भ्रमण का कार्यक्रम था। जिसको लेकर जिला प्रशासन के निर्देश पर सिमरिया गंगा तट पर सुरक्षा, विधि व्यवस्था एवं सुविधा व्यवस्था को लेकर खासी तैयारियां की गई थी। बुधवार सुबह 11 बजे के आसपास जब एमवी गंगा विलास क्रूज जो दुनिया के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ डिजाइन किया गया क्रुज है को दूर से आता देख पदाधिकारी नेता एवं स्वागत में गुलाब लिए खड़े लोग उत्साहित हो क्रुज के रूकने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन क्रुज सिमरिया में ठहराव के बजाय मुंगेर की ओर प्रस्थान कर गया। जिससे लोगों में मायूसी देख गई।

बेगूसराय सांसद प्रतिनिधि ने लगाया आरोप।

भाजपा नेता सांसद प्रतिनिधि सह अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने आरोप लगाते हुए नीतीश सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार सरकार में बैठे कुछ लोग ऐतिहासिक कुंभ स्थली सिमरिया गंगा धाम को विकसित नहीं होने देना चाहाते। जिसका प्रतिफल है कि सिमरिया में सारी प्रशासनिक तैयारी के बाबजूद गंगा विलास क्रूज को साजिश के तहत तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं रोका गया।

रिवर क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में प्रधानमंत्री ने इस सेवा को लॉन्च कर टूरिज्म क्षेत्र में नये युग का आरंभ किया है। जानकारी के मुताबिक यह क्रुज 50 पर्यटन स्थल की 51 दिनों की यात्रा में विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों, बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढ़ाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों के  कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता विविधताओं से रूबरू होंगें विदेशी सैलानी।

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