कार्तिक पूर्णिमा अपने आप में पवित्र है – मौनी बाबा। कार्तिक पूर्णिमा पूर्णता का प्रतीक – स्वामी चिदात्मन जी। कार्तिक पूर्णिमा में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़। भीड़ के मद्देनजर जिला प्रशासन सतर्क। भगतई का भी हुआ खेल
डीएनबी भारत डेस्क
कार्तिक मास के पूर्णिमा को लेकर सिमरिया गंगा नदी तट पर सोमवार की शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी। मंगलवार की अहले सुबह से ही श्रद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाने लगे जो कि मंगलवार की शाम तक निरंतर चलता रहा। चन्द्र ग्रहण को लेकर बुधवार को भी गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। मंगलवार को लाखों लाख श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में गोता लगा कर अपने आप को पवित्र कर पवित्र गंगा जल लेकर अपने अपने घरों को लौट गए। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, समस्तीपुर, लक्खीसराय, नवादा, शेखपुरा, सहित नेपाल, भूटान से श्रद्धालुओं का आगमन आया। भीड़ को देखते हुए जिला पदाधिकारी के निर्देश पर जगह जगह पर पुलिस पदाधिकारी व पुलिस जवान तैनात दिखें।
मेला क्षेत्र में करीब चार- पांच सौ से अधिक महिला व पुरुष पुलिस जवानों को तैनात किया गया। अहले सुबह से एन एच 31 सड़क से तीनमुहानी से गंगा नदी तट तक मुस्तैद रहे। एक भी चार पहिया वाहनों को गंगा नदी तट पर जाने की इजाजत नहीं दी गई। सभी वाहनों को पार्किंग में रखा गया। कई रास्तों को वन वे ट्रैफिक व्यवस्था की गई ताकि भीड़ नहीं हो सकें। जिससे बहुत बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में सफल रही स्थानीय प्रशासन। जिससे लोग आराम से आए और जाएं।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बरौनी बीडीओ वीरेंद्र कुमार सिंह, सीओ सुजीत सुमन, चकिया ओपी अध्यक्ष दिवाकर प्रसाद सिंह, घाट संवेदक दिलिप कुमार, सुशील झा पुलिस बल के साथ अहले सुबह से ट्रैफिक व्यवस्था एवं भीड़ को नियंत्रित करते रहे। जिस वजह से ना ही सड़क पर जाम लगा और ना ही गंगा तट पर। श्रद्धालु आराम आए और गंगा स्नान करके अपने घरों को लौट गए।
गोताखोर भी रहे तैनात
सिमरिया गंगा नदी तट पर दो मोटर वोट पर एक दर्जन गोताखोर अनिल कुमार के नेतृत्व में गोताखोर सुनील कुमार भरत कुमार शत्रुघ्न जाटों अमर कुमार मनीष कुमार तेतो कुमार अर्जुन कुमार सीताराम कुमार कृष्ण कुमार, सभापति सहित एसडीआरएफ की टीम के द्वारा गंगा नदी किनारे मोटर वोट से गश्त लगा रहे थे ताकि कोई भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटनाएं नहीं हुई।
संतों ने कहा
राम उदित दास उर्फ मौनी बाबा ने कहा कि सिमरिया कल्पवास मेला मिथिला के लिए पवित्र धर्म केन्द्र है। माता गंगा की गोद में कल्प करना कल्पवास है। पूर्णिमा अपने आप में पवित्र है। कार्तिक पूर्णिमा में चन्द्र ग्रहण लगना चार चांद लगने जैसा है। उन्होंने कहा समय सबसे महत्वपूर्ण है। वहीं मिथलेश दास उर्फ बौआ हनुमान जी ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा में स्नान करने से पाप ताप सब धूल जातें हैं। वही सर्वमंगला आश्रम काली धाम में स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा सारे मनोरथ को सिद्ध करने वाला है। पूर्णिमा का मतलब पूर्णिता का प्रतीक है।जो व्यक्ति पूरा कार्तिक माह में गंगा स्नान नहीं करता है वो केवल पूर्णिमा में स्नान बना लेता है तो उन्हें कल्पवास मेला करने का फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा उन्हें पूरा वर्ष स्नान करने का फल प्राप्त होता है। सारे तीर्थो, सारे व्रतों में तपने में जितना फल प्राप्त होता है केवल कार्तिक पूर्णिमा में स्नान करने का फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि कार्तिक माह सत्य और न्याय का प्रतीक है। इस माह में तुला की संक्रांति जो सत्य और न्याय का प्रतीक है।इस दिन सतयुग का प्राकट्य, धन्वतरी महाराज अमृत लेकर प्रकट हुए थे। इसीलिए इस दिन देव दीपावली मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आगामी 2023 ई में सिमरिया धाम में अर्द्ध कुंभ का आयोजन किया जाएगा। जिसकी सारी तैयारी अभी से शुरू कर देना है और आप सब भी तैयारी में लग जाए ताकि द्वादश कुंभ स्थली के रूप में सिमरिया धाम नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। स्वामी जी ने कहा कि अनादिकाल से सिमरिया धाम पर एक तरफ से पश्चिम वाहिनी गंगा तो एक तरफ से उत्तर वाहिनी गंगा आकर मिलती है । यह दिव्य स्थली है जहां गंगा गंगा का संगम है। साथ ही जागृत शमशान घाट है।
भगतों के द्वारा की गई भगतई
आज के वैज्ञानिक युग में भी सिमरिया गंगा नदी तट कार्तिक पूर्णिमा के दिन सैकड़ों महिला पुरुष भगतों के द्वारा भगतई का खेल किया जाता है। अब भी हमारे समाज में अंधविश्वास बरकरार है। भगतों की टोली सिमरिया गंगा नदी तट पर पहुंच भजन कीर्तन के लिए अपनी अपनी जगह पकड़ लेते हैं। पूरी रात भजन कीर्तन के बाद मंगलवार की सुबह गंगा नदी में कुल देवताओं को स्नान कराकर अपने को पवित्र करते हुए घर को लौट गए।
श्रद्धा से जो गंगा मैया से मांगते हैं वो मन्नत पूरी हो जाती है
दरभंगा जिला के गोगराहा से पधारे चालीस भगतों की टोली में अनिल दास ने बताया कि दस वर्ष से आते हैं मैया के तट पर स्नान कुल देवी देवता का स्नान कराते हुए अपने जगहो पर अक्षत तील चढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि श्रृद्धा से जो कुछ भी गंगा मैया से मांगते हैं वो सभी मन्नतें अब तक पूरी हो जाती है।इस दौरान गुरु चन्द्रिका दास, रामप्रसाद, आह्लाद,प्रताप सहित अन्य सपरिवार पधारे। रात भर भजन कीर्तन सुबह देव स्नान कराकर घर को लौट गए।इस तरह कई भगतों ने बैत से भगतई का खेल किया।जिसको देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। भगतई करने नेपाल से ज्यादा लोगों का आना हुआ।
जमकर हुई खरीदारी
कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगने की वजह से दुकानदारों की दुकान में जमकर खरीदारी हुई। दुकानदार मनोज कुमार, संजय कुमार, पंकज कुमार, मोहन कुमार सिंह सहित अन्य ने बताया कि भीड़ होने की वजह से दुकानदारी हुई। कोरोना की वजह से हम सब दुकानदार की स्थिति दयनीय हो गई है। हालांकि आज कुछ जान आई है। सिमरिया घाट संवेदक दिलिप कुमार के द्वारा गंगा नदी में बैरेकैटिंग कर वाहनों को पार्किंग स्थल पर लगाया गया।जिस वजह से श्रद्धालुओं को जाम का सामना करना नहीं पड़ा। वही चकिया ओपी प्रभारी दिवाकर प्रसाद सिंह सुबह से शाम तक क्षेत्र का भ्रमण करते रहे। जिस वजह से मेला में छिनतई नहीं हुई और लोग शांति पूर्वक स्नान कर लौट गए।
खोया पाया केन्द्र
सिमरिया कल्पवास मेला में खोया पाया केन्द्र की भूमिका काफी महत्वपूर्ण दिखीं। कार्तिक पूर्णिमा में जहां लाखों लाख लोगों की भीड़ में चार सौ से अधिक लोग महिला पुरुष व बच्चे अपने परिजनों से बिछुड गए। जिसको खोया पाया केन्द्र कंट्रोल रूम में तैनात गोरेलाल सिंह, नागरिक सुरक्षा कर्मी के सचिव सामाजिक चेतना कल्याण संजय, रंधीर कुमार, राजा बाबू साह, अनिल कुमार के द्वारा लगातार घोषणा की वजह से हर कोई बिछड़े लोग अपने अपने परिजनों से आसानी से मिल पाए।
बेगूसराय से धर्मवीर कुमार