एशिया का प्रसिद्ध कल्पवास मेला आज से सिमरिया में हुआ शुरू, खेल मंत्री समेत जिलाधिकारी ने किया विधिवत उद्घाटन

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय के  सिमरिया गंगा तट पर लगने वाला एशिया का प्रसिद्ध राजकीय कल्पवास मेला शुरुआत आज से शुरू हो चुकी है।  मेला का विधिवत उद्घाटन बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता और बेगूसराय के डीएम तुषार सिंगला के द्वारा किया गया। इस दौरान इस कल्पवास मेला के उद्घाटन में शामिल बेगूसराय के विधायक कुंदन कुमार सहित कई नेता शामिल हुए। कल्पवास मेल को लेकर बेगूसराय के डीएम तुषार सिगला बताया है कि आज से कल्पवास मेला का शुरुआत हो चुकी है।

वही कल्पवास मेल को लेकर तैयारी पूरी तरह से हो चुकी है। और यहां पर जो भी सुविधा कल्पवासी को होनी चाहिए वह सारी सुविधा उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया है कि काफी संख्या में पुलिस बल को सिमरिया गंगा तट पर लगाया गया है। क्योंकि कल्पवासी दूर दराज से आते काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। उन्होंने बताया है कि 17 अक्टूबर से 15 नवंबर तक एकल्पवास मेला का आयोजन चलेगा। उन्होंने बताया है कि जो भी कमी है उसको भी जल्दी पूरा कर लिया जाएगा।

इस दौरान खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने बताया है कि कल कल्पवास मेल राजकीय दर्जा मिला है और सरकार के द्वारा कल्पवासी के लिए सारी सुविधा उपलब्ध कराई गई है और जिला प्रशासन के द्वारा भी व्यवस्था पूरी तरह से की गई है।वही  इसके लिए पूरे गंगा घाट को बेहतर तरीके से सजाया गया है। जो एक विहंगम दृश्य प्रस्तुत कर रहा हैं।वही प्रशासन की तरफ से आम कल्पवासियों के लिए जिला प्रशासन ने खास उपाय किए है।  बताते चले कि बेगूसराय के सिमरिया के गंगा तट पर लगने वाला कल्पवास मेला का अपना महत्व है।

माना जाता है कि गंगा के इस तट पर राजा दशरथ भी कल्पवास करने आए थे। कल्पवास की इस अनोखी परंपरा में देश भर के लोग आते है वही यह मिथिलांचल और नेपाल देश के लोगों के लिए खास महत्व रखता है। कल्पवास की इस अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है माना जाता है कि राजा दशरथ भी यहां कल्पवास के लिए आए थे।  गंगा के तट पर एक छोटी सी झोपड़ी नुमा घर में पुरे एक महीने तक रहने वाले हजारों लोग आपसी सदभाव का भी बड़ा उदाहरण है जहां जाती वर्ण और अमीरी गरीबी को भूल कर पूरे एक महीने एक साथ रहते है। इसकी 24 घंटे की दिनचर्या के गंगा की आरती और पूजा पाठ चलता रहता है।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट