डीएनबी भारत डेस्क
आयुष मंत्रालय भारत सरकार 2016 से हर साल धनवंतरी जयंती (धनतेरस) पर आयुर्वेद दिवस मनाती है। आयुर्वेद को आधुनिक समय में समान रूप से प्रासंगिक चिकित्सा की सबसे प्राचीन अच्छी तरह से प्रलेखित प्रणालियों में से एक माना जाता है, जिसमें बीमारी की रोकथाम और प्रचार स्वास्थ्य दोनों को उचित ध्यान दिया जाता है। इस वर्ष आयुर्वेद दिवस की थीम ‘हर दिन, हर घर आयुर्वेद‘ है।
7वें वार्षिक आयुर्वेद दिवस के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस भवन में शनिवार को जीवन में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन एनटीपीसी बरौनी के टाउनशिप में रहने वाले एनटीपीसी कर्मचारियों, उनके परिवार के सदस्यों, सीआईएसएफ एवं अन्य सहयोगी संस्था के बीच आयुर्वेद के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत एनटीपीसी बरौनी के परियोजना प्रमुख रमाकांत पांडा के उद्घाटन भाषण से हुई, जिन्होंने सदियों से प्रचलित घरेलू उपचारों के उपयोग (जैसे नीम, तुलसी आदि) के बारे में विस्तार से बताया जो हमारे आस-पास आसानी से उपलब्ध हैं।
कार्यक्रम में अतिथि व्याख्याता राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, बेगूसराय के सहायक प्रोफेसर डॉ राम नंदन साहनी ने संचालन किया। उन्होनें आयुर्वेद पर जागरूकता सत्र दिया। प्रतिभागियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान, डॉ साहनी ने स्वस्थ जीवन और जीवन शैली में आयुर्वेद का महत्व एवं इसके सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक महत्व के बारे में सभी को जानकारी साझा किया। व्याख्यान सत्र के पूर्व, सभी प्रतिभागियों के लिए परामर्श शिविर भी लगाया गया, जिसमें सभी ने बेहद उत्साह और दिलचस्पी से हिस्सा लिया।
इस अवसर पर एनटीपीसी बरौनी के परियोजना प्रमुख रमाकांत पांडा, मानव संसाधन के अपर महाप्रबंधक सरोज कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बेगूसराय से धर्मवीर कुमार