देश में कुल 12 प्रमुख सूर्यपीठ हैं. उन्हीं में से एक बड़गांव है. यहां प्रागैतिहासिक कालीन सूर्य तालाब है. कहा जाता है कि भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की परंपरा इसी बड़गांव (पुराना नाम बर्राक) से शुरू हुई थी.
डीएनबी भारत डेस्क
नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से शुरू हो गया है। छठ के पहले दिन छठव्रती ने विभिन्न छठ घाटों में स्नान कर दाल कद्दू का प्रसाद बनाकर भगवान सूर्य को भोग लगाने के बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण कर अपने परिवार और इष्ट मित्रों को प्रसाद खिलाया।
इस मौके पर सबसे ज्यादा भीड़ बड़गांव और औगारी धाम में देखने को मिला। भगवान सूर्य के 12 आर्को में एक बड़गांव में देश के विभिन्न क्षेत्र से लोग आकर यहां चार दिनों तक प्रवास कर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं।
सदियों से सूर्योपासना का प्रमुख केंद्र रहा है बड़गांव
नालंदा जिला में स्थित बड़गांव सदियों से सूर्योपासना का प्रमुख केंद्र रहा है. धार्मिक दृष्टिकोण से इसका बहुत महत्व है. नालंदा प्रागैतिहासिक काल से ही भगवान सूर्य की उपासना और अर्घ्य के लिए महत्वपूर्ण है. देश में कुल 12 प्रमुख सूर्यपीठ हैं. उन्हीं में से एक बड़गांव है. यहां प्रागैतिहासिक कालीन सूर्य तालाब है. कहा जाता है कि भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की परंपरा इसी बड़गांव (पुराना नाम बर्राक) से शुरू हुई थी.
ऋषिकेश संवाददाता नालंदा