डीएनबी भारत डेस्क
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोदावंदपुर का सीबीसी मशीन वर्षों से खराब है। लेकिन इसको ठीक करने की दिशा में जिम्मेदार महकमा लापरवाह बना हुआ है। इसका खामियाजा खोदावंदपुर प्रखंड के गरीब मजबूर रोगियों को भुगतना पड़ रहा है। मुफ्त खून जांच कराने पहुंचने वाले रोगी रोज निराश लौट रहे हैं। बताते चले की बिहार सरकार ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित है। सरकार द्वारा आम जनों को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा निःशुल्क प्रदान करने के उद्देश्य से सीएचसी खोदावंदपुर को विगत वर्षों में अपग्रेड कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया।
करोड़ों रुपए की भवन बनी लाखों लाख रुपया का मशीन से हॉस्पिटल को सुसर्जित किया गया। गांव के गरीब मरीजों को विभिन्न प्रकार के खून जांच के लिए बाजार नहीं जाना पड़े अथवा झोलाछाप के चक्कर में नहीं पड़े। इसको ख्याल में रखते हुए प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सरकार द्वारा सीबीसी मशीन लाखों रुपया खर्च कर लगाया गया है। इस अभियान के तहत खोदावंदपुर में भी सीबीसी मशीन लगाया गया। मशीन लगने के कुछ ही दिनों बाद यह मशीन खराब हो गया। बार-बार दैनिक जागरण इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया है। खबर का असर भी हुआ। जिम्मेदार महकमा के द्वारा इंजीनियर को मंगाकर इसे ठीक करवाया गया। लेकिन ठीक होने के पश्चात कुछ ही दिनों बाद यह मशीन फिर से खराब हो जा रहा है।
राजेश कुमार ग्रामीण:-
सीबीसी मशीन जन उपयोगी मशीन है। कुछ वर्ष पूर्व ही मशीन का आपूर्ति किया गया है। आपूर्ति के चंद दिनों बाद ही यह मशीन काम करना बंद कर दिया। ऐसे में इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो रहा है। संबंधित अधिकारी को इसके गुणवत्ता की जांच करवानी चाहिए और जो भी दोषी आपूर्ति करता हो उसे पर सख्त से सख्त कारवाई किया जाना चाहिए तथा विकल्प के तौर पर अभिलंब खोदावंदपुर में एक गुणवत्तापूर्ण सीबीसी मशीन दिया जाना चाहिए।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट