कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री के बयान से झाड़ा पल्ला, कहा ‘राजद का अंदरूनी मामला’, रामायण को लेकर कहा…

डीएनबी भारत डेस्क 

रामायण में श्रीराम का जो आदर्श व्यक्तित्व है उससे हमें सीखने और समझने की प्रेरणा मिलती है। रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम का जो चित्रण है उसपर सभी लोग चलना चाहते हैं। मै ही नहीं हमारे मां पिता भी रामायण की चौपाई पढ़कर बड़े हुए है। मेरा स्टैंड साफ है कि मैं रामायण को हर घर और हर व्यक्ति से जुड़ा हुआ मानता हूं। देश में अभिव्यक्ति की आजादी है इस पर हमें कुछ नहीं कहना है। यह राजद का अंदरूनी मामला है। उक्त बातें एक निजी कार्यक्रम मे शामिल होने बेगूसराय पहुंचे बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य अखिलेश सिंह ने मिडिया से मुखातिब होते हुए कही।

बेगूसराय पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अखिलेश सिंह ने भारत जोड़ो यात्रा के संबंध में बताया कि अभी 11 सौ किलोमीटर की पदयात्रा बची हुई है। इसी सिलसिले मे कांग्रेस पार्टी सोमवार से एक बार फिर महेशखुट से पदयात्रा की शुरुआत करेगी। यह पदयात्रा 24 जनवरी तक चलेगी। उन्होंने बताया की इसके पहले मंदार पर्वत से बांका और भागलपुर होते हुए तकरीबन 110 किलोमीटर की यात्रा खगड़िया में समाप्त हुआ था। उन्होंने बताया कि इस पदयात्रा का उद्देश्य देश में 2014 से बढ़ रही नफरत और घृणा की राजनीति को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि इस देश मे कैसे आपसी भाईचारा सहिष्णुता बनी रही इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा की शुरुआत की है। इसी को लेकर सभी प्रदेश अपने स्तर से यात्रा चला रहा है।

वही एक सवाल के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि रामायण की चौपाई पढ़ते हुए हम लोग बड़े हुए हैं। हमारे मां पिता भी इसको पढ़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि रामायण में श्री राम का जो आदर्श व्यक्तित्व था उससे सीखने समझने की हमें प्रेरणा मिलती है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जो चित्रण रामायण में है उसी रास्ते पर लोग चलना चाहते हैं। इसपर मेरा स्टैंड साफ है। वहीं उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान के संबंध में बिना कुछ प्रतिक्रिया दिए कहा कि इस देश मे अभिव्यक्ति की आजादी है। अगर कोई कुछ बोलता है तो हमें इस पर कुछ नहीं कहना है। लेकिन जहां तक मेरा स्टैंड है। मैं रामायण को हर घर हर व्यक्ति से जुड़ा हुआ मानता हूँ।

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी के लोग इस्तीफा मांग रहे हैं तो इसका कोई मायने नहीं है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कल तक आरएसएस के मुख्यालय पर भारत का झंडा नहीं फहराया जाता था इसपर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

बेगूसराय से सुमित कुमार (बबलू)

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