डीएनबी भारत डेस्क
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनते ही लाखों की संख्या में शिक्षकों की बिना परीक्षा पात्रता के आधार पर नियुक्ति की गई थी। नियुक्त सभी शिक्षकों को नियोजित शिक्षक कहा जाता है। समय के साथ शिक्षकों ने राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग की और इसके बाद शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया कि एक परीक्षा के बाद शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा। इस परीक्षा का नाम दिया गया सक्षमता परीक्षा। एक सक्षमता परीक्षा हो चुकी है और अभी दूसरा सक्षमता परीक्षा होना था जिसे सरकार ने स्थगित कर दिया है।
परीक्षा की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। सक्षमता परीक्षा 26 से 28 जून तक आयोजित होनी थी जिसे सरकार ने स्थगित कर दिया है। शुक्रवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से जारी सूचना के अनुसार हेड टीचर, हेड मास्टर की परीक्षा की वजह से सक्षमता परीक्षा को स्थगित किया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों परीक्षाओं की तिथि एक ही थी इस वजह से स्थगित की गई है।
अब दो दिनों के अंदर नई तारीख की घोषणा की जाएगी। बता दें कि करीब 85000 शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड ने एडमिट कार्ड भी जारी कर दिया था लेकिन अचानक से परीक्षा को स्थगित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि हेड टीचर और हेड मास्टर की परीक्षा और दक्षता परीक्षा की तारीख एक होने की वजह से सक्षमता परीक्षा को स्थगित किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से हेडमास्टर के पदों पर नियुक्ति के लिए भी परीक्षा की तिथि 28 और 29 जून निर्धारित की गई है। ऐसे में टकराव से बचने के लिए सक्षमता परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। बताया जाता है कि शिक्षक संगठनों ने ही सक्षमता परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग बिहार बोर्ड से की थी। विदित हो कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने के लिए बिहार बोर्ड की तरफ से सक्षमता परीक्षा ली जाती है और पास करने वाले शिक्षकों को ही राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाता है।