डीएनबी भारत डेस्क
जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 99वीं जयंती के अवसर पर बिहार विधान मंडल परिसर में आयोजित राजकीय समारोह में राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित कई गणमान्य महानुभावों ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, सांसद फैयाज अहमद, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, पूर्व मंत्री भीम सिंह, आयुक्त पटना प्रमंडल कुमार रवि, जिलाधिकारी चंद्रशेखर, वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर सूचना एवं जन संपर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन एवं जननायक के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित गीतों का गायन किया गया। इसके पश्चात् देशरत्न मार्ग स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति संग्रहालय में कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, उर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जीतेन्द्र कुमार राय, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, सांसद चन्द्रेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, अध्यक्ष बिहार राज्य खाद्य आयोग विद्यानंद विकल, सचिव कला संस्कृति एवं युवा विभाग बंदना प्रेयसी, आयुक्त पटना प्रमंडल कुमार रवि, जिलाधिकारी पटना चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो, जननायक कर्पूरी ठाकुर के सुपुत्र बिरेन्द्र कुमार सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता एवं गणमान्य व्यक्तियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग के कलाकारों एवं किलकारी के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती का आयोजन हमेशा से किया जा रहा है। वर्ष 1988 में बहुत कम उम्र में उनका निधन हो गया था। मात्र 64 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था। मुझे बहुत तकलीफ हुई थी। हम विधायक थे और वे हमें बहुत मानते थे। आजादी की लड़ाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। बिहार के विकास के लिए हर तरह से उन्होंने काम किया। जब वे बिहार के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने एक-एक काम करवाया। उन्होंने पिछड़ा – अतिपिछड़ा और अनुसूचित जाति / जनजाति को आरक्षण दिया। 1978 में ही सबकुछ कर दिया। थोड़े दिन बाद ही कुछ लोग उनके खिलाफ हो गये लेकिन उन्होंने जितना काम किया, वो हर तरह से बिहार के विकास के लिए किया। बाढ़ से होनेवाले नुकसान के लिए काम किया। लोगों को नौकरी देने का काम किया। इस प्रकार बिहार के हित में उन्होंने एक-एक काम किया लेकिन यह गलत हुआ कि जो पार्टी थी उसी में लोग इधर-उधर कर दिए। उसके बाद भी वे काम करते रहे। वो चले गये अगर वो रहते तो वो ही नेतृत्व करते। वो चले गये तो हमलोग उनकी स्मृति में उनके काम की लोगों के बीच हमेशा चर्चा करते रहते हैं और यह आयोजन होता है। पिछले एक-दो बार से कोरोना के कारण हमलोग नही आ पाए। उनका जहाँ आवास था, जहाँ वे रहते थे उसको भी बनवा दिया गया है। यहाँ के बाद हम उनके गांव भी जायेंगे। यह सब दिन से परंपरा रही है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता को जान से मारने की मिली धमकी से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी मिली है। इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जा रही है। एक-एक पहलू की तहकीकात की जा रही है। आज सुबह ही मुझे मालूम हुआ है। मगध विश्वविद्यालय में समय पर पढ़ाई और परीक्षा संचालित नहीं होने के संदर्भ में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हम समाधान यात्रा के क्रम में लोगों के बीच जा रहे हैं और इस बारे में मुझे पता चला है। हमने शिक्षा मंत्री को कहा है कि विश्वविद्यालय का काम भी तेजी से हो इसका भी विशेष रूप से ख्याल रखें। विश्वविद्यालय में पढ़ाई और परीक्षा समय से आयोजित हो, इस संबंध में बात भी की गयी है। सेशन में विलंब हो रहा है, यह गलत बात है। समाधान यात्रा के बाद हम इसको लेकर पूरे तौर पर एक मीटिंग करेंगे। हमने गवर्नर साहब से भी बात की है ताकि यह काम तेजी से हो। इसमें देर नही होनी चाहिए। हमलोगों ने अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने का निर्णय लिया है। हमलोग चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोगों को नौकरी मिले। अगर बच्चे-बच्चियों को दिक्कत होती है तो हमें तकलीफ होती है। हम चाहते हैं लड़के-लड़कियों को आगे पढ़ाना।