मुख्यमंत्री ने राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना का किया शुभारंभ। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 135 लीटर गंगाजल की आपूर्ति होगी। हमने सभी धर्मस्थलों का विकास किया है। जरासंघ के अखाड़े के बगल में जरासंघ स्मारक का निर्माण होगा – मुख्यमंत्री
डीएनबी भारत डेस्क
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में राजगीर के लिए गंगाजल आपूर्ति योजना का दीप प्रज्ज्वलित कर और रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर शुभारंभ किया। आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज से राजगीर में गंगाजल की आपूर्ति शुरू हो गयी है। वर्ष 2019 में जल – जीवन – हरियाली अभियान की शुरुआत की गयी थी। इसको लेकर पहले ही सभी पार्टियों के साथ बैठक की गयी थी। उसी बैठक में जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने को लेकर निर्णय लिया गया था। उसी का पार्ट गंगाजल आपूर्ति योजना है। इस योजना के तहत राजगीर, गया, बोधगया और नवादा में गंगाजल की सप्लाई होगी। आज राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना की शुरुआत की गयी है। कल गया में इसकी शुरुआत होगी। कुछ महीनों बाद नवादा में भी गंगाजल आपूर्ति योजना शुरू होगी। राजगीर के सभी घरों में गंगाजल पहुंचेगा। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 135 लीटर गंगाजल की आपूर्ति की जायेगी। इस पानी से आपलोग खाना, पीना, नहाना और दूसरे अन्य काम भी कर सकते हैं। आपको पानी की जितनी जरूरत होगी उतना पानी सभी घरों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर काफी महत्वपूर्ण जगह है। यहां विकास के काफी काम हुये हैं। घोड़ा कटोरा को भी काफी विकसित किया गया है। यहां वाहनों के साथ आना प्रतिबंधित है। इसके लिये टमटम चालकों को ई-रिक्शा दिया गया है ताकि पर्यावरण को नुकसान न हो और पर्यटक यहां आसानी से आ-जा सकें। यहां भगवान बुद्ध की मूर्ति भी हमने लगवा दी है। राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर बनाया गया है। दिल्ली से भी मीटिंग करने लोग यहां आने लगे हैं। नेचर सफारी, जू सफारी का भी यहां निर्माण कराया गया है। पांडु पोखर को भी विकसित किया गया है। नालंदा यूनिवर्सिटी की फिर से स्थापना हमलोगों ने करवायी है। इसे और भी आगे बढ़ाना है। पहले नालंदा यूनिवर्सिटी में दुनिया भर के 20-22 देशों के लोग पढ़ने आते थे। राजगीर में स्पोर्ट्स अकादमी का निर्माण कराया जा रहा है। ज्ञान प्राप्त करने से पहले भगवान बुद्ध वेणुवन में आये थे वेणुवन का विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण कराया गया है। भगवान महावीर से जुड़ी कई चीजें यहां मौजूद हैं। यहां जैन धर्मशाला है, जहां पर बाहर से आकर लोग ठहरते हैं। राजगीर में प्रसिद्ध गर्म पानी का कुंड है। यहां शीतल कुंड गुरुद्वारा भी अच्छे ढंग से बनवा दिया गया है। यहां तीन साल में एक बार मलमास मेला लगता है। ऐसी मान्यता है कि 33 करोड़ देवी-देवता यहां आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घरों तक गंगाजल पहुंचने से राजगीर के सभी कुंड भी सुरक्षित रहेंगे। उनका जल संरक्षित रहेगा। राजगीर पौराणिक स्थल है। इसका अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। मखदुम साहब को भी यहां ज्ञान की प्राप्ति हुयी। यहां के मखदुम कुंड को भी विकसित किया गया है। यहां का शांति स्तूप पचास साल पहले बना था। हमने सभी धर्मों के स्थलों का विकास किया है। जरासंघ के अखाड़े की देखभाल का काम एएसआई के पास है। हमने कहा है कि इसे हमें दे दीजिये। हम इसका ठीक ढंग से विकास करेंगे लेकिन वे दे नहीं रहे हैं तो हमने सोचा है कि जरासंघ के अखाड़े के बगल में जरासंघ का स्मारक बना देंगे। हम यहां लगातार आते रहे हैं। वर्ष 2009 में यहां आकर हम रूके थे और हमने एक-एक चीज को देखा था। पंच पहाड़ी पर वृक्षारोपण कराने का निर्देश दिया गया था, जिसके तहत काफी वृक्ष लगाये गये हैं। आज से आपलोगों को गंगाजल मिलने लगेगा। गंगाजल पीजिये और अपने घर बैठे गंगाजल से स्नान कीजिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना से एक घंटे में राजगीर पहुंचने की योजना हमने बना दी है, उस पर काम चल रहा है। गया से भी एक घंटे में राजगीर पहुंचने की योजना पर काम जारी है आपलोगों से अपील है कि गंगाजल का सदुपयोग कीजियेगा। राजगीर बहुत पौराणिक और ऐतिहासिक जगह है। नई पीढ़ी के लोग भी यहां आएंगे और इसके बारे में जानेंगे- समझेंगे आपलोगों की खुशी देखकर मुझे भी काफी खुशी हो रही है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने स्मृति चिह्न भेंटकर किया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर ने गंगा पर आधारित गीत की प्रस्तुति दी। गंगाजल आपूर्ति योजना पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। गंगाजल आपूर्ति योजना पर आधारित लेजर शो का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में गंगाजल आपूर्ति योजना के सफल शुभारंभ के लिए बेहतर प्रयास करने वाले आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आदित्यनाथ दास, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के सचिव सह नालंदा जिला के प्रभारी सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर सहित अभियंताओं को मुख्यमंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर, संसदीय कार्य मंत्री सह नालंदा जिले के प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री संजय कुमार झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक कौशल किशोर, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी एवं जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधायक कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया, विधायक राजेश रौशन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सचिव सह नालंदा जिले के प्रभारी सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव सह पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि, पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक राकेश राठी, नालंदा जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा, नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति सुनैना सिंह, जल संसाधन विभाग के इंजीनियर इन चीफ आईसी ठाकुर सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण, अभियंतागण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
गंगाजल आपूर्ति योजना के लोकार्पण के पश्चात् मुख्यमंत्री वार्ड नंबर – 19 पहुॅचे, जहाँ उन्होंने स्थानीय निवासी नरेश प्रसाद एवं बिनोद प्रसाद के घर पहुँचकर गंगाजल आपूर्ति योजना का हाल जाना। नल के माध्यम से पहुंचे गंगाजल का भी मुख्यमंत्री ने सेवन किया। राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना के उद्घाटन से पूर्व नवादा जिले के मोतनाजे में मुख्यमंत्री ने गंगाजल आपूर्ति योजना का शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पौधारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री ने 24 एमएलडी जलशोधन संयंत्र एवं क्लियर वाटर पंप हाऊस का बटन दबाकर उद्घाटन किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने राजगीर में गंगाजी राजगृह जलाशय का शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया तथा 24 एमएलडी जलशोधन संयंत्र एवं क्लियर वाटर पंप हाऊस का बटन दबाकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने गंगाजल के शुभ आगमन के अवसर पर गंगा पूजा एवं गंगा आरती भी की इसके पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक घर में 135 लीटर प्रतिदिन गंगाजल मिलेगा। खाना बनाना हो, पीना हो, नहाना हो, पूजा करना हो या फिर साफ-सफाई करनी हो या अन्य कामों के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज राजगीर में इस योजना की शुरुआत हो रही है और कल गया और बोधगया में इसकी शुरुआत होगी। लंबे समय के लिए सोचकर यह सब किया गया है। यह सब दिन रहेगा। इसे मेंटेन रखने का भी काम किया जाएगा। विभाग के लोगों को एक-एक चीज की ट्रेनिंग दी गई है, पानी की जो आपूर्ति हो रही है उसको ठीक ढंग से मेंटेन करके रखेंगे। इसकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान दिया गया है। जो इसको बना रहे हैं वही सब लोगों को ट्रेनिंग भी देंगे, उनसे हमने अनुरोध किया है। हमने अधिकारियों को बता दिया था कि पानी कहां से लेना है, पहले इस पर बहुत मंथन हुआ था। रास्ते को लेकर भी हमने सुझाव दिया था। एक एलाइनमेंट में सब जगह पानी भेजने की व्यवस्था की गई है। राजगीर में एक जगह पर पानी को स्टोर कर आगे प्यूरिफाई कर भेजा जाएगा। हथीदह से सीधे राजगीर गंगाजल आएगा और फिर यहां से गया, बोधगया और नवादा भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्लड का ही पानी यहां लाया जाएगा। इससे बाढ़ की समस्या से भी बहुत हद तक निजात मिलेगी। अगर ज्यादा पानी की आवश्यकता होगी तो उसे भी देखा जाएगा। पटना एवं अन्य शहरों में भी इस योजना को लागू किया जाएगा। यह पानी सब जगह जाएगा। निजी घरों के साथ ही सरकारी जगहों पर भी इसका पानी जाएगा। होटल में, अस्पताल में सब जगह गंगाजल आपूर्ति योजना के माध्यम से पानी पहुँचाया जाएगा। चार महीने फ्लड के समय इन चार जगहों पर पानी लाया जाएगा। इसको राजगीर में स्टोर करके रखा जाएगा, जो 12 महीनों तक चलेगा। इससे वाटर लेवल भी ठीक हो जाएगा और लोग जमीन के अंदर से पानी निकालना बंद कर देंगे। इस योजना से सिंचाई वगैरह में भी काफी सुविधा होगी।