डीएनबी भारत डेस्क
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘समाधान यात्रा के क्रम में पश्चिम चंपारण समाहरणालय सभागार में जीविका दीदियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री को ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बाला मुरुगन डी ने पौध-गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। जीविका समूह से जुड़ने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाली पश्चिम चंपारण जिले की 200 जीविका दीदियों ने बैठक में हिस्सा लिया, जिनमें 7 जीविका दीदियों ने अपने – अपने अनुभव मुख्यमंत्री के समक्ष साझा किये। जीविका दीदी मेहरू निशां, सीता देवी, रेखा देवी, नूरजहां खातून, मंजू देवी, सुनीता देवी एवं प्रभावती देवी ने जीविका समूह से जुड़ने के पश्चात् परिवार के जीवन स्तर में आये बदलाव और आर्थिक स्थिति में सुधार के संबंध में अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी जीविका दीदियों ने जीविका समूहों के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री के प्रति अपना आभार प्रकट किया। वहीं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं की काफी प्रशंसा की। जीविका दीदियों ने बताया कि जीविका समूह से जुड़ने के बाद अब उनके परिवार को न सिर्फ साहूकारों के कर्ज से मुक्ति मिली है बल्कि आज वे आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
मुख्यमंत्री से संवाद करते हुये जीविका दीदी मेहरू निशां ने महिलाओं के उत्थान के लिये चलाई जा रही योजनाओं की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि उनके परिवार की हालत काफी दयनीय थी। साहूकारों से कर्ज लेकर परिवार का भरण-पोषण जैसे तैसे हुआ करता था, लेकिन जब वह जीविका समूह से जुड़ी तो उनके जीवन स्तर में बदलाव आया, परिवार में खुशहाली आयी, साहूकारों से मुक्ति मिली। अब जीविका समूह से आर्थिक मदद मिलने के कारण उनका परिवार काफी खुशहाल है। अब बच्चों को अच्छा भोजन मिल रहा है। बच्चे पढ़ने जा रहे हैं। जीविका दीदी सीता देवी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि परिवार के लोग पहले घर से बाहर नहीं निकलने देते थे लेकिन जब हमें जीविका समूह के विषय में दीदियों से जानकारी मिली जब मैं परिवार से लड़ झगड़कर जीविका समूह से जुड़ी अब परिवार के लोग भी हमें सपोर्ट करते हैं। जीविका समूह से जुड़ने के बाद आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
जीविका दीदी रेखा देवी ने बताया कि महिलाओं के विकास के लिये काफी काम हुआ है, लेकिन सरकार से अभी और अपेक्षायें हैं ताकि महिलायें आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी हो सकें। मुख्यमंत्री के प्रति अभार जताते हुए उन्होंने कहा कि जीविका समूह से जुड़ने के बाद महिलायें काफी जागरूक हुई हैं। अपने अधिकारों को समझने लगी हैं। शराबबंदी से महिलाओं के जीवन में काफी बदलाव आया है। घरेलू हिंसा लगभग खत्म हो गई है। परिवार में शांति का माहौल कायम रहता है। हम सभी जीविका दीदियां मिलकर जो भी गड़बड़ी करनेवाले हैं उनको समझाने की कोशिश करते हैं और गड़बड़ करनेवालों के विषय में स्थानीय थाना को सूचित भी करते रहते हैं। जीविका दीदी नूरजहां खातून ने बताया कि उनके परिवार की माली हालत काफी खराब थी, जिसके कारण बच्चे विद्यालय नहीं जा पाते थे। जीविका समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में कई बदलाव आये। अब बच्चे विद्यालय जाने लगे हैं, उन्हें अच्छा भोजन और पोशाक भी उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा समाज सुधार अभियान के तहत चलाये जा रहे दहेज प्रथा उन्मूलन की उन्होंने प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हम समूह की जीविका दीदियां दहेज समाज के लोगों को दहेज नहीं लेने के लिये प्रेरित करते हैं। दहेज प्रथा उनमूलन अभियान से गरीब तबके को काफी राहत मिली है।
जीविका दीदी मंजू देवी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि जीविका समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं का मान सम्मान, परिवार और समाज में काफी बढ़ा है। महिलायें काफी जागरूक हुई हैं। उन्होंने कहा कि बाल विवाह उन्मूलन के लिये निरंतर जीविका दीदियां घर-घर जाकर लोगों को समझाती हैं कि कम उम्र में अपने बच्चे की शादी न करें। जीविका समूह से जुड़कर हमारे परिवार की स्थिति में काफी बदलाव आया है। पूरा परिवार खुशहाल है। घर में लोग हमारी काफी इज्जत करते हैं। जीविका दीदी सुनिता देवी ने जीविका दीदियों के साथ बैठक बुलाने के लिये मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि जीविका समूह के माध्यम से कई प्रकार के काम किये जा रहे हैं। इससे हम दीदियों का उत्थान हो रहा है। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर रही है, बच्चे विद्यालय जा रहे हैं। जीविका दीदी प्रभावती देवी ने बताया कि शराबबंदी के बाद महिला प्रताड़ना और पारिवारिक झगड़े में कमी आई है। मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी को पूरी सख्ती कि साथ निरंतर जारी रखें। सभी महिलायें सरकार के साथ हैं।
बैठक में जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 7 जीविका दीदियों ने अपनी अपनी बातें रखी हैं। वर्ष 2005 के नवंबर माह में जब बिहार की जनता ने हमें काम करने का मौका दिया उस समय ही हम जाकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखे थे। स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने के लिये हमने विश्व बैंक से कर्ज लिया और उसका नामकरण ‘जीविका’ समूह किया। हमलोगों ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था अब उससे ज्यादा जीविका समूहों का गठन हो गया है, जिनसे एक करोड़ 27 लाख महिलायें जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि एक परिवार में औसतन 5 सदस्य होते हैं इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कितने लोग जीविका समूहों से लाभांवित हो रहे हैं। जीविका समूहों से गरीब गुरबा परिवार की महिलाओं को जोड़ा गया है। पहले हम जीविका दीदियों से मिलते थे, वह अपनी बात कहने में हिचकती थीं। बैंकों के बारे में उन्हें जानकारी न के बराबर थी लेकिन अब वे बैंक के कामों को भलीभांति जानने समझने लगी हैं। हमने विभाग को कहा है। कि जीविका समूहों के माध्यम से अधिक से अधिक काम करवाइये। महिलाओं को उद्योग के प्रति प्रेरित करने का काम भी किया जा रहा है। आप सभी अपनी जिम्मेवारी ठीक ढंग से निभाइये। समाज में प्रेम और भाईचारा का भाव कायम रहे इसके लिये लोगों को प्रेरित करते रहिये। सौ प्रतिशत आदमी ठीक नहीं होता है, 10 प्रतिशत गड़बड़ करनेवाला होता है। ऐसे लोगों को समझाइये ताकि समाज में सदभाव कायम रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 जुलाई 2015 को जीविका समूहों की बैठक में महिलाओं ने शराबबंदी लागू करने की मांग की थी। हमने कहा कि चार माह बाद चुनाव है, जब हमारी सरकार आयेगी तो हम इसे लागू करेंगे। हमारी सरकार बनी तो हमने शराबबंदी लागू किया, जिसका सभी पार्टी के लोगों ने बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद् में समर्थन किया लेकिन आजकल समर्थन करनेवाले कुछ लोग भी जहरीली शराब के कारण कहीं कोई घटना होने पर अनाप शनाप बातें करते हैं। हम तो हमेशा कहते हैं कि जहरीली शराब पीयोगे तो मरोगे। शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार सहित अन्य कई राज्यों के लोगों ने इसकी प्रशंसा की। कई राज्यों से हमें आमंत्रित भी किया गया। इसके पहले समाज सुधार अभियान के दौरान भी हमने लोगों से आह्वान किया था कि इसे निरंतर लागू रखें। गड़बड़ करनेवालों को चिन्हित कर उसकी सूचना दें। उन्होंने कहा कि जो लोग शराब नहीं पीते वे स्वस्थ रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में हमने सर्वे कराया तब पता चला कि 1 करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया। हमलोग फिर सर्वे करानेवाले हैं। समाधान यात्रा में हम घूम रहे हैं तो कुछ राजनीति से प्रेरित लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। हम तो बिहार के विकास और लोगों के कल्याण के लिये 4 डिग्री हो या 44 डिग्री तापमान हो हम घूमते रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराने के लिये काम किया जा रहा है। महिलाओं का पढ़ना बहुत जरूरी है। समाज सुधार अभियान में सामाजिक कुप्रथा बाल विवाह और दहेज प्रथा को समाप्त करने के साथ-साथ शराबबंदी पर जोर दिया था। लोगों के बीच प्रचारित करते रहना है और उन्हें समझाना है कि वे अपनी बेटी की शादी समय पर करें। दहेज लेकर शादी करना कानून जूर्म है। इस प्रकार की शादी में शामिल होने से बचें। जीविका समूहों को आगे बढ़ाने के लिये जो भी आवश्यकतायें होंगी उसे सरकार पूर्ण करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में आबादी ज्यादा है, जबकि क्षेत्रफल कम है। हमलोगों ने शिक्षा के विकास के लिये कई कदम उठाये हैं। अब महिलाओं के शिक्षित होने से बिहार के प्रजनन दर में कमी आई है। पहले बिहार का प्रजनन दर 4.3 था, जो अब घटकर 2.9 पर पहुंच गया है। हमलोग इसे 2 पर लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन में यह बात समाने आयी कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है। वहीं पति-पत्नी में पत्नी अगर इंटर पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है और बिहार का प्रजनन दर 1.6 है। इसके बाद लड़कियों को पढ़ाने के लिये हर तरह से काम किये गये, उन्हें पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया गया। अधिक से अधिक लड़कियाँ जब पढ़ेंगी तो प्रजनन दर में कमी आयेगी। आबादी कम करने के लिये चीन ने पहले कानून बनाया लेकिन वो कारगर नहीं रहा। सिर्फ कानून बनाने से आबादी नियंत्रित नहीं होगा, इसके लिये लोगों को शिक्षित और जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये जितने विद्यालय और शिक्षकों की जरूरत होगी, सरकार उपलब्ध करायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिये कई काम किये गये। अब महिलायें काफी जागरूक हो गई हैं। वर्ष 2006 के पंचायती राज चुनाव और वर्ष 2007 के नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देनेवाला बिहार पहला राज्य है। अब बड़ी संख्या में महिलायें निर्वाचित हो रही हैं। जब हम सांसद थे तो उस समय पंचायती राज में आरक्षण के लिये राज्य सभा और लोकसभा की एक कमिटी बनी थी, जिसमें हम शामिल थे। यह तय हुआ कि महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण का लाभ दिया जाय। राज्य में जब हमारी सरकार बनी तो हमने महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए आपके विचार जानने के लिये ही यह बैठक की गई है। आपकी जागृति से परिवार और समाज आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग विभिन्न जाति के लोगों को आपस में लड़वाना चाहते हैं, हिंदू मुस्लिम कर समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों से सजग रहने की जरूरत है। बच्चे मां की बात सबसे ज्यादा मानते हैं इसलिये उन्हें समझाते रहिये, जिससे समाज में सद्भाव का वातावरण कायम रहेगा। बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया । आज बिहार पुलिस में बड़ी संख्या में महिलायें सेवारत हैं। देश के किसी अन्य बड़े राज्य के पुलिस बल में इतनी संख्या में महिलायें पदस्थापित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुरुष और महिला को समान अधिकार मिले इसके लिये काम किया जा रहा है। समाज को आगे बढ़ाने का काम मुख्यमंत्री का नहीं है, जीविका दीदियों का है। अब समाज बहुत आगे बढ़ रहा है। राज्य को आगे बढ़ाने का काम आप सभी का है। आपको आगे बढ़ाने के लिये हमलोग हर काम करेंगे।
बैठक में वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री संजय कुमार झा, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण सह पश्चिम चंपारण जिले के प्रभारी मंत्री ललित कुमार यादव, विधि मंत्री शमीम अहमद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक आर एस भट्ठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग बाला मुरुगन डी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आयुक्त तिरहुत प्रमंडल गोपाल मीणा, एडीजी सुरक्षा बच्चू सिंह मीणा, पुलिस उप महानिरीक्षक चंपारण रेंज प्रणव कुमार प्रवीण, पश्चिम चंपारण के प्रभारी जिलाधिकारी सह उप विकास आयुक्त अनिल कुमार, पुलिस अधीक्षक बेतिया उपेन्द्र नाथ वर्मा, पुलिस अधीक्षक बगहा, किरन कुमार गोरख जाधव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय पदाधिकारीगण एवं विभिन्न जीविका समूहों से जुड़ी जीविका दीदियां उपस्थित थी।