डीएनबी भारत डेस्क
प्रभु यीशु के जन्मदिन की तैयारी को लेकर देवीसराय स्थिति चर्च को काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया है। रविवार की सुबह 8 बजे से ही कार्यक्रम की शुरूआत की गई। चर्च परिसर को आकर्षक लाइट से सजाया गया है। साथ ही प्रभु यीशु के जन्मस्थल गोशाला को भी तैयार किया गया है। फादर प्रेम प्रकाश ने बताया कि शनिवार की रात प्रभु यीशु का जन्मोत्सव कार्यक्रम मनाया गया। रात 10 बजे से पूजा की प्रक्रिया शुरू हुई। रात करीब 1 बजे तक पूजा चली।
प्रभु यीशु के जन्म लेते ही लोग खुशी में डूब गए। एक-दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। जिंगल बेल गाये जाने लगे। जो लोग रात की पूजा में भाग नहीं ले सकें उनके लिए रविवार की सुबह भी पूजा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ईसाई धर्म के लोगों के इस पर्व में अन्य धर्म व समुदाय के लोग भी पूरे उत्साह के साथ भाग लेते हैं। कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में यहां सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई गई है। तैयारियों में चर्च के फादर के अलावा भी कई अन्य लोग लगे हैं। प्रत्येक साल भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा होने की परंपरा को देखते हुए इस साल भी उसी के अनुरूप तैयारियां की गई है।
अंतिम प्रार्थना के साथ समाप्त होगा कार्यक्रम
फादर प्रेम ने बताया कि कई कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं। शनिवार को कार्यक्रम पॉप स्वीकार संस्कार से शुरू हुआ। गोशाला के समीप उपासना के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। रात 9-10 बजे तक धर्म गुरू की उपस्थिति में पाप स्वीकार संस्कार किया गया। इस दौरान सभी ने अपने जीवन में की गई गलती के लिए प्रभु यीशु से क्षमा प्रार्थना की। इसके बाद 10 बजे से पूजा शुरू की गई। गोशाला में प्रभु यीशु को उनके पालन पिता एवं माता मरियम के समीप रखकर अंतिम प्रार्थना कर कार्यक्रम को समाप्त किया गया।
4 सप्ताह से चल रहा है कार्यक्रम
फादर ने बताया कि चार सप्ताह पूर्व से कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इस दौरान कई गतिविधियां आयोजित की गई। सबसे पहले आगमन काल से कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इस दौरान आस-पास के मुहल्लों में घर-घर जाकर लोगों को प्रभु यीशु के संदेश के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद पाप स्वीकार संस्कार का आयोजन किया गया।
नालंदा से ऋषिकेश