डीएनबी भारत डेस्क
एक तरफ सरकार समाज से बाल मजदूरी जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रही है एवं इसके लिए विभागीय कार्रवाई भी कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के मुलाजिम ही सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं। ताजा मामला तेघड़ा प्रखंड कार्यालय के कृषि कार्यालय से सामने आ रही है जहां महज कुछ पैसों का लालच देकर सरकारी मुलाजिमों के द्वारा छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही है। तस्वीरें सामने आने के बाद अब सरकार की नीति एवं नीयत पर भी सवाल उठने लगे हैं।
मामला तेघड़ा अनुमंडल कार्यालय परिसर स्थित प्रखंड कृषि कार्यालय की है जहां पढ़ाई के उम्र में छोटे छोटे बच्चों के सर पर मजदूरी का भार दे दिया गया है और वह भी तब जब मौके पर वरीय पदाधिकारी मौजूद हैं। और पदाधिकारियों के द्वारा ही बच्चों को निर्देशित भी किया जा रहा है। दरअसल तेघड़ा प्रखंड कृषि कार्यालय में किसानों के लिए ट्रक के द्वारा कुछ सामान लाई गई थी। लेकिन मजदूरी बचाने के लिए पदाधिकारियों ने महज बीस बीस रुपये का लालच देकर कई छोटे बच्चों को इकट्ठा किया गया और उनसे ही मजदूरी करवाने लगे। सरकारी मुलाजिमों की करतूत सामने आने के बाद अब राजनीतिक दल के साथ-साथ आम लोग भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
बेगूसराय से सुमित कुमार (बबलू)