डीएनबी भारत डेस्क
छपरा जहरीली शराब कांड में जांच कर रही एसआईटी की टीम को बहुत बड़ी सफलता मिली है और जहरीली शराब की जानकारी के साथ मास्टरमाइंड भी गिरफ्त में आ गया है। जहरीली शराब कांड की कहानी सुनकर पुलिस भी भौंचक रह गई। दरअसल जीवन रक्षक होम्योपैथिक दवा जीवन भक्षक बन गया। एसआईटी की जांच में यह सामने आया है कि होम्योपैथिक दवा में अन्य रसायन और चीनी मिलाकर शराब बनाया जाता था जो कि एक दिन छोटी सी चूक के कारण जहरीली हो गई और 75 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं शराब बनाने वाले गिरोह के एक सदस्य की भी अपनी बनाई शराब पीने से तबियत बिगड़ गई थी।
जहरीली शराब के मास्टरमाइंड राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। छपरा के एसपी ने बताया कि इसुआपुर, मशरक समेत अन्य क्षेत्रों में जानलेवा शराब का सप्लाई करने वाला मास्टरमाइंड और गिरोह के लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जो कि जलालपुर थाना क्षेत्र के नूननगर काही का रहने वाला है। एसपी ने बताया कि राजेश सिंह पहले भी अवैध शराब के धंधे में लिप्त था जिसकी वजह से उसे स्पिरिट के उपयोग की अच्छी जानकारी थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में स्थित होम्योपैथिक दवा कम्पनी से 90 प्रतिशत अल्कोहल वाली दवाओं को फर्जी तरीके से छपरा मंगवाते थे और फिर उससे शराब बना कर बेचना शुरू कर दिया।
होम्योपैथिक शराब बनाते वक्त एक चूक के कारण शराब ज़हरीली हो गई और उससे दर्जनों लोग प्रभावित होकर बीमार पड़ने लगे। कई लोगों की इससे मौत भी हो गई। एसआईटी का गठन सोनपुर के एसडीपीओ एएसपी अंजनी कुमार के नेतृत्व में किया गया और सबसे पहले संजय महतो जो खुद इसी विषाक्त शराब को पीकर बीमार पड़ गया था उसके इलाज कराकर लौटने के बाद अनुसंधान की कई कड़ियों का अध्ययन करके उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद उसकी निशानदेही पर होमियोपैथिक दवा के सैकड़ो खाली बोतलों को बरामद करते हुए मास्टरमाइंड राजेश उर्फ डॉक्टर सहित गिरोह के अन्य सदस्यों तक टीम पहुंची। उन्होंने बताया कि इस गिरोह में मढ़ौरा थाना क्षेत्र के तकीना गांव के शैलेन्द्र राय, खैरा थाना क्षेत्र के धुपनगर धोबवल गांव के सोनू कुमार गिरी, इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोयला गांव के अर्जुन महतो और संजय महतो भी शामिल थे जिन्हे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।