डीएनबी भारत डेस्क
खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के सीमा क्षेत्र मोहरा घाट पर चचरी पुल दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है।ईलाके के लोग जान जोखिम में रख गांव से निकलते है। गाँव के लोगो के लिए चचरी पुल ही एक मात्र सहारा है। इस चचरी पुल से जान जोखिम में डालकर सैकड़ो गाँव वाले और स्कूली बच्चे प्रत्येक दिन पढ़ने आते जाते है।
फिर भी इस चचरी पुल का सुधी लेने वाला कोई नही है। स्थानीय लोगों की माने तो जनप्रतिनिधि केवल चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे का भरोसा दिलाकर भोली-भाली जनता से वोट बटोरकर ले जाते हैं। वहीं चुनाव बाद जनप्रतिनिधियों द्वारा इन इलाकों का दौरा भी दुर्लभ हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांवों की इस हालत से जनप्रतिनिधियों जिला प्रशासन को अवगत कराने के लिए कई बार ग्रामीणों के साथ सामूहिक आवेदन दिया पर इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
अब तो ये डर सताने लगी है कि कुछ महीनों में अगर इस ओर पुल नहीं बनाने का कार्य शुरू किया गया तो आने वाले बरसात में लोगों को फिर नदी में तैरकर ही अपने गंतव्य को जाना पड़ेगा। ग्रामीणों ने चचरी पुल के जगह एक स्थाई पुल बनाने की मांग प्रशासन से की है।
खगड़िया संवादाता राजीव कुमार की रिपोर्ट