अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे आशा फैसिलिटेटर, कर्मी एवं एंबुलेंस कर्मी के आक्रोश का करना पड़ा सामना।
डीएनबी भारत डेस्क
वीरपुर प्रखंड क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं ने नौ सुत्री मांगों को लेकर विगत 12 जुलाई 23 से पीएचसी के मैंनगेट में ताला लगा कर आरआई, बंध्या करण आपरेशन, प्रसव, ओपीडी समेत इमरजेंसी सेवा को भी बाधीत कर दिया है।
जिससे क्षेत्र में गरीब, असाहाय प्रसव पीड़ा से छटपटाती महिलाएं, जमीनी विवादों में घायल हुए लोगों, रोड ऐक्सिडेंट में घायल या गंभीर रूप से चोटें आई लोगों सहित आवारा जानवरों के हिंसक वार से पीड़ित रोगियों को जहां लौट जाना पड़ रहा है वहीं उत्पन्न समस्याओं को समाधान हेतु 20 जुलाई गुरुवार को सीविल सार्जन डॉ प्रमोद कुमार को पीएचसी के गेट के सामने घंटों रोड पर खड़ा रहना पड़ा।
आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध करते हुए घुसने नहीं दी।रह रह कर आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा सरकार के विरुद्ध नारेबाजी भी किया जा रहा था। जिससे घंटों सिविल सार्जन साहब को कराके की धुप में गेट खुलने का इंतजार करना पड़ा। ग्रामीण सह रोगी कल्याण समिति के सदस्य डॉ गीता प्रसाद सिंह, पुर्व कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, समाजसेवी दीवाकर गौतम के अथक प्रयास से किसी तरह गेट तो खोला गया।
इसी दौरान समझने बुझाने के क्रम में डॉ गीता प्रसाद सिंह को गंभीर चोटें भी लगी। इस संबंध में सीविल सार्जन डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि गेट में ताला बंदी करना, प्रशव आदि इमरजेंसी सेवाओं को बाधित करना गैर संवैधानिक है। हम अपील करते हैं कि अपनी मांगों को संवैधानिक तरीके से पाने के लिए वगैर चिकित्सीय कार्यो को बाधित करते हुए धरना प्रदर्शन करें। नहीं तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
सीएस प्रमोद कुमार के जाते ही आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा मैने गेट पर से रोगीयों को यह कह कर लौटा दिया गया कि यहां सब हड़ताल पर हैं। और पुनः मैनगेट में ताला लगा दिया गया। आप को बताते चलें कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा किए जा रहे हड़ताल में काम बाधित करने से संबंधित या रोगियों को पीएचसी से बगैर इलाज कराएं लौटा देना या ताला बंदी करने से संबंधित कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है। मौके पर दर्जनों आशा कार्यकर्ता मौजूद थी।
बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा