बीहट में ऐतिहासिक राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ, उद्घाटन सत्र में कलाकारों ने वाद्ययंत्रों से बांधा समां

पारंपरिक वाद्य यंत्रों के वादन से शुरू हुआ राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव, राष्ट्रीय स्तर के 15 कलाकार, 51 वाद्य यंत्र के साथ 10 मीटों के समय में और 10 मिनट का समय में वाद्य यंत्रों के वादन से नाट्य महोत्सव का मनमोहक आगाज।

पारंपरिक वाद्य यंत्रों के वादन से शुरू हुआ राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव, राष्ट्रीय स्तर के 15 कलाकार, 51 वाद्य यंत्र के साथ 10 मीटों के समय में और 10 मिनट का समय में वाद्य यंत्रों के वादन से नाट्य महोत्सव का मनमोहक आगाज।

– नगर के विकास में नाटक, गीत-संगीत होना उसकी            अस्मिता को है बचाना – मुख्य पार्षद

– नाटक बदलाव का माध्यम है, जनता की जनभावनाओं      के साथ कलाकारों को जोड़ा जाए- डा अवधेश कुमार।      सिंह

– बेगूसराय बीहट की भूमि बिहार की सांस्कृतिक राजधानी।  के रूप में कर रही काम – ओम राजपूत

डीएनबी भारत डेस्क 

बीहट में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के वादन से शुरू हुआ भव्य 05 दिवसीय ऐतिहासिक राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव। राष्ट्रीय स्तर के 15 कलाकार, 51 वाद्य यंत्र ने उद्घाटन सत्र समारोह में मात्र और 10 मिनट के समय में उपस्थित अतिथि एवं लोगों को मंत्रमुग्ध कर वाद्य यंत्रों के वादन से नाट्य महोत्सव का आगाज किया।

मौका था आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी द्वारा आयोजित पांच दिवसीय चतुर्थ राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का। पारम्परिक लोक वाद्य यंत्रों के वादन और संगीत समायोजन के बीच पहली बार इस तरह के बड़े प्रयोग से दर्शक भी अभिभूत थे। कुल 10 मिनट तक अलग-अलग वाद्य यंत्रों के ताल कचहरी से लोगों ने इसका खूब आनन्द लिया। कार्यक्रम के संयोजन में कुणाल कुमार, विष्णुदेव भारती, संतोष कुमार, दिनेश दीवाना सहित अन्य कलाकारों द्वारा वादन किया गया।

वहीं इस अवसर पर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ प्रथम दर्शक के रूप में मौजूद प्रसिद्ध कवि व बीडीओ पारू डॉ ओम राजपूत, गणेशदत्त महाविद्यालय बेगूसराय के प्रधानाचार्य डॉ राम अवधेश कुमार, कोऑपरेटिव कॉलेज बेगूसराय के प्राचार्य डॉ अवधेश कुमार सिंह, बेगूसराय नगर निगम की महापौर पिंकी देवी, नगर परिषद बीहट की मुख्य पार्षद बबीता देवी, उपमुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार, पूर्व विधान पार्षद भूमिपाल, पूर्व महापौर संजय कुमार, पर्यावरणविद शिव प्रकाश भारद्वाज, प्रसिद्ध चित्रकार सीताराम नाट्य निर्देशक हरीश हरिऔध, मध्य विद्यालय बीहट के प्रधान रंजन कुमार, एनटीपीसी के डीजीएम एचआर एस कुमार, सीनियर मैनेजर अर्णव मुखर्जी अधिकारी द्वय द्वारा संयुक्त रूप से दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

प्रथम दर्शक के रूप में पधारे ओम राजपूत ने कहा कि मेरो अनंत कहां सुख पाई, जैसे उड़ी जहाज को पंछी, फिर जहाज पे आई। उन्होंने कहा कि मेरे लिए बीहट, बरौनी और बेगूसराय मातृभूमि के समान है। जो स्नेह, प्रेम और सहयोग मेरी अपनी जन्मभूमि से है। वही लगाव मुझे बेगूसराय और बरौनी से है। खास करके बेगूसराय और बीहट की भूमि बिहार की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में काम कर रही है। इसलिए मेरा यहां आना साहित्य और संस्कृति की तीर्थभूमि के समान है।

प्रधानाचार्य डॉ राम अवधेश कुमार ने कहा कि यह आयोजन गांव और शहर दोनों को जीता है। डॉ अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि नाटक बदलाव का माध्यम है, जनता की जनभावनाओं के साथ कलाकारों को जोड़ा जाए। महापौर पिंकी देवी ने कहा कि इस आयोजन से बेगूसराय की भूमि सांस्कृतिक रूप से और समृद्ध होगी। मुख्य पार्षद बबिता देवी ने कहा कि नगर के विकास में नाटक, गीत-संगीत होना उसकी अस्मिता को बचाना है। वहीं दूसरी तरफ उद्घाटन समारोह के साथ कड़वा सच में दिखा कलाकारों की वेदना ।

आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के प्रथम दिन पहले प्रस्तुति अभिनय थिएटर लखीमपुर असम की चर्चित नाट्य प्रस्तुति कड़वा सच की प्रस्तुति की गयी। लोक संस्कृति और लोक परंपरा से जुड़े कलाकारों को बढ़ावा देने, उसको जिंदा रखने और उसके संरक्षण को लेकर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। खास करके मुफ्त नाटक नहीं करने और मुफ्त नाटक नहीं देखने का संदेश नाटक में दिखाई पड़ा।

नाटक के लेखक और निर्देशक दयाल कृष्ण नाथ के निर्देशन में प्रस्तुत नाटक कड़वा सच एक कलाकार जो जोकर की भूमिका में अपने आसपास के इलाक को बेहतर माहौल देता है। लेकिन उसकी निजी जिंदगी बहुत कष्ट में है। एक कलाकार के मर्म को स्पष्ट रूप से मंच पर रखता यह नाटक कड़वा सच लोगों के दिल को भा गया। नाटक का हिंदी रूपांतरण व प्रकाश संयोजन रवि वर्मा ने किया। खासकर के मंच पर रोशे किरदार में रवि रंजन कुमार उर्फ पंकज गौतम ने अपनी रंगमंच यात्रा के अनुभव को पूरी तरीके से इस्तेमाल कर इस किरदार को चरितार्थ कर दिया।

वहीं फुसरी की पत्नी के रूप में दक्षिणा कृष्णा नाथ ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई। पुत्री की भूमिका में पूर्वी रंजन ने भी अपने सजीव अभिनय से सभी का दिल जीत लिया। नाटक में रवि वर्मा, मनोज कुमार और प्रणव महतो का अभिनय सराहनीय रहा। नाटक का प्रकाश संचालन गणेश कुमार, राधे कुमार के द्वारा किया गया।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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