बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पुर्व अध्यक्ष के निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर

 

डीएनबी भारत डेस्क

बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष तथा समर्पित साहित्य सेवी सिद्धेश्वर बाबू का निधन गत दिन हो गया। उनके निधन पर मिथिला शिक्षा मंच सम्बद्ध अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के संयोजक तथा स्मृति शेष सिद्धेश्वर बाबू के साथ उनके द्वारा स्थापित राष्ट्रीय विचार मंच के राष्ट्रीय सचिव प्रो. पी. के. झा “प्रेम” ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सिद्धेश्वर बाबू के साथ पिछले पच्चीस वर्षों से सामाजिक सेवा में एंव साहित्य साधना में सेवा देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था,आज वह छूट गया, परन्तु उनके मार्गदर्शन का अभाव सदैव खटकेगा।

वो सही मायने में साहित्य के संत थे, अक्खड़ थे, फक्कर थे, इसीलिए वो व्यवस्था से टक्कर भी लेते रहते थे। उनके नहीं रहने से साहित्य के गतिविधियों को विराम सा लग गया है। उनके निधन पर पूरे देश से शोक संदेश प्राप्त हो रहें हैं। उन्होंने ने पूरे भारत वर्ष में समाजिक कार्यों के लिए राष्ट्रीय विचार मंच तथा साहित्यिक गतिविधियां के लिए विचार दृष्टि नामक पत्रिका का प्रकाशन करते रहे थे।

मैं सौभाग्यशाली था कि राष्ट्रीय विचार मंच में राष्ट्रीय सचिव तथा विचार दृष्टि में उप संपादक के रुप में वर्षों तक सेवाएं देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके निधन पर दिल्ली से उदित राज, प्रो. अंजना चौबे डॉ प्रसून झा, मो. अनिकुर रहमान,रविशंकर श्रोतरिय, पटना से प्रो. गणेश प्रसाद सिंह,धनंजय श्रोतरिय, डॉ. शाहिद जमील, देहरादून से डॉ बुद्धिनाथ मिश्र,बनारस से डॉ. अशोक ज्योति, जयपुर से पल्लवी सिंह चौहान आदि से शोक संदेश प्राप्त हो रहें हैं।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट