डीएनबी भारत डेस्क
अपनी मांगों को लेकर आज बिहार राज्य जल श्रमिक संघ के बैनर तले सैकड़ों मछुआरों ने बेगूसराय में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया तथा समाहरणालय के मुख्य द्वार पर एक दिवसीय धरना दिया। दरअसल मछुआरों का कहना है कि एशिया प्रसिद्ध कावर झील की सरकार के द्वारा अनदेखी की जा रही है जिस वजह से मछुआरों के रोजगार पर भी असर पड़ रहा है। प्राकृतिक मार की वजह से बारिश कम होने के कारण कावर झील अक्सर सूख जाता है और मछुआरे बेरोजगार हो जाते हैं।
जबकि सरकार के द्वारा आज तक सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है। लेकिन कोई काम नहीं की गई। मछुआरों का कहना है कि कावर झील में सालों भर पानी रहे इसके लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए और इसके लिए सहज रूप से गंडक नदी को बसही के नजदीक से कावर झील से जोड़ देना चाहिए जिससे कि सालों भर कावर झील में पानी रहे और मछुआरों को रोजगार मिलता रहे । लेकिन लंबे समय से मांग के बावजूद भी आज तक सरकार के द्वारा इस ओर कोई कदम नहीं उठाए गए।
इसी वजह से मछुआरे आए दिन बेरोजगार हो जाते हैं और उनके समक्ष भुखमरी की समस्या आ जाती है । अगर कावर झील को गंडक नदी से जोड़ दिया जाएगा तो एक तरफ जहां रोजगार सृजन हो पाएगा तो वहीं आम लोगों को भी काफी सहूलियत होगी तथा पर्यटन के दृष्टिकोण से भी कावर झील सदैव लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहेगा ।
जब सरकार की ओर से एवं जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई तब जाकर मछुआरों के द्वारा धरना के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है। अगर फिर भी सरकार इस और संबेदनशीलता नहीं दिखाई तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन भी किया जाएगा।
डीएनबी भारत डेस्क