मंत्री श्रवण कुमार ने अपने विधानसभा के जर्जर अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र का लिया जायजा

नालंदा जिला के नूरसराय प्रखंड के बुधौल गांव स्थित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का होगा कायाकल्प।

नालंदा जिला के नूरसराय प्रखंड के बुधौल गांव स्थित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का होगा कायाकल्प।

डीएनबी भारत डेस्क 

बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार खुद के विधानसभा क्षेत्र में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बुधौल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जहां एक और मिशन 60 के तहत स्वास्थ्य भवन व्यवस्था को चुस्त-दरुस्त किया जा रहा है। वहीं नूरसराय प्रखंड के बुधौल गांव स्थित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का भवन इतना जर्जर है कि वहां मरीज और डॉक्टर भगवान भरोसे ही बैठते हैं।

बताते चलें कि अपने इलाके में व्याप्त जन समस्याओं को लेकर काफी गंभीर रहते हैं तनिक भी समस्या की भनक मिलने पर उसे दूर करने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। गौरतलब है कि बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार बुधौल गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे।

इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा मंत्री श्रवण कुमार को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुधौल के जर्जर अवस्था में होने की जानकारी दी गई। मंत्री श्रवण कुमार के स्वास्थ भवन के जर्जर अवस्था की जानकारी मिलते ही तुरंत अपने लोगों के साथ निरीक्षण करने अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बुधौल पहुंच गए।

निरीक्षण के दौरान बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बुधौल का निर्माण इसके पूर्व कई साल पहले किया गया था। वर्तमान में इसकी हालत ठीक नहीं है। बिल्डिंग जर्रर अवस्था मे आ चुका है। नए भवन के निर्माण के लिए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी

ताकि यहां जो पहले से लोगों को स्वास्थ्य की सहूलियत मिल रहा था, वह बरकरार रहे। इसके जर्जर स्थिति को लेकर स्वास्थ्य विभाग के संबंधित पदाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। वही नीरपुर पंचायत के मुखिया ने कहा कि अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की हालत काफी दयनीय है।

इसके अंदर मरीज इलाज कराने आते हैं तो वह भगवान भरोसे ही रहते हैं। यहां तक कि जिसके अंदर डॉक्टर और नर्स बैठने के लिए डरते हैं। अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र जर्जर होने के कारण फिलहाल बंद है और लोगों को स्वास्थ्य सुविधा से भी वंचित रहना पड़ रहा है। फिलहाल अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चालू करने पर पहल की जा रही है।

नालंदा संवाददाता ऋषिकेश 

Nalanda