भारतीय शास्त्रीय संगीत की उत्पति वेदों से मानी जाती है- प्रो भीम शंकर

मिथिलांचल संगीत महाविद्यालय बीहट में सत्र 2022/23 में सम्मलित परीक्षार्थियों के प्रायोगिक परीक्षा सम्पन्न।

मिथिलांचल संगीत महाविद्यालय बीहट में सत्र 2022/23 में सम्मलित परीक्षार्थियों के प्रायोगिक परीक्षा के दौरान वक्ताओं ने छात्र छात्राओं किया संबोधित।

डीएनबी भारत डेस्क 

भारतीय शास्त्रीय संगीत की उत्पत्ति वेदों से मानी जाती है। सामवेद में संगीत के बारे में गहराई से चर्चा की गई है। भारतीय शास्त्रीय संगीत आध्यात्मिकता से प्रभावित रहा है। इसलिए इसकी शुरुआत मनुष्य जीवन के अंतिम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति के साधन के रूप में हुई है।

संगीत की महत्ता इस बात से भी स्पष्ट है कि भारतीय आचार्यों ने इसे पंचम वेद या गंधर्व वेद की संज्ञा दी है। भरत मुनि का नाट्यशास्त्र पहला ऐसा ग्रंथ था जिसमें नाटक, नृत्य और संगीत के मूल सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया है। उक्त बातें प्रो भीम शंकर चौधरी ने गुरुवार के दिन अयोजित मिथिलांचल संगीत महाविद्यालय बीहट में सत्र 2022/23 में सम्मलित परीक्षार्थियों के प्रायोगिक परीक्षा के दौरान कहा।

प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद के द्वारा आयोजित गीत, नृत्य वादन एवं चित्रकला की प्रायोगिक परीक्षा में छात्र, छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। वही केंद्रीय विद्यालय से अवकाश प्राप्त संगीत शिक्षक व नृत्य गुरु कृष्ण मोहन गिरी के नेतृत्व में बच्चों ने शास्त्रीय नृत्य, गीत एवं वादन की भव्य प्रस्तुति किया।

मौके पर मिथिलांचल संगीत महाविधालय बीहट के प्राचार्य अशोक कुमार पासवान, पंडित सिकंदर महाराज, अरुण कुमार उर्फ ओभारसियेल, रूपेश कुमार, प्रिया कुमारी, निशु कुमारी, पल्लवी, रूपाली, कशिश, आरती, अनुराधा कुमारी समेत दर्जनों छात्र, छात्राएं मौजुद थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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