बेगूसराय के बाघा सामुदायिक भवन में राजद के कार्यकर्ता सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचें शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर
डीएनबी भारत डेस्क
बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर आज बेगूसराय पहुंचे जहां उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लिया तथा कार्यक्रम को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी और भारत सरकार पर जमकर निशाना साधा है।उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता हासिल करने के लिए जनता को तरह-तरह के सब्ज बाग़ दिखाएं और 15 से 20 लाख रुपए हरेक खाते में भेजने का वादा किया। वहीं शरहद एवं सीमा सुरक्षा के संबंध में भी सब्ज बाग़ दिखाएं।
जबकि हालत यह है कि लद्दाख, डोकलाम एवं अन्य जगहों पर हमारी जमीन पर कब्जा करने का काम किया। उन्होंने प्रत्येक वर्ष 22 करोड़ नौकरी देने की बात कही थी, 9 साल से अधिक बीत जाने के बावजूद अभी तक एक लाख लोगों को भी उन्होंने नौकरी नहीं दी है। अपने आप को चौकीदार की संज्ञा देने वाले नरेंद्र मोदी ने धीरे-धीरे सरकारी संसाधनों को निजी हाथों में बेच दिया। किसानों की आमदनी दुकान करने का भरोसा देकर किसानों की लागत दुगुनी कर दी गई।
वहीं महंगाई की मार से घर की गृहनिया तक परेशान है। आज हर चीजों का दाम आसमान छू रहा है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने कफन से लेकर नमक तक पर जीएसटी लगाने का काम किया। सीमा सुरक्षा की बात करें तो चीन की बात तो दूर नेपाल जैसे छोटे देश ने भी 7000 एकड़ से अधिक भूमि पर अपना कब्जा कर लिया। नरेंद्र मोदी एवं भाजपा की सरकार ने आज तक सिर्फ हिंदू मुसलमान, कश्मीर पाकिस्तान बात कर लोगों को ठगा है। लेकिन बिहार के नीतीश और तेजस्वी की सरकार ने लोगों से जो वादा किया उसे पुरा किया और लाखों लोगों को नौकरी दी. आज गांव गांव अक्षत भेजने का काम किया जा रहा है और लोगों से उगाही जारी है।
जबकि नौकरी देने की बात की जाने चाहिए थी।दुनिया के लोग चाहे किसी भी धर्म के हो उन्हें अपने भगवान पर आस्था है।गरीबों को चाहिए रोटी कपड़ा और मकान लेकिन आज गरीबों से मकान का हक ले लिया गया और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मार्च 2022 के बाद गरीबों को नहीं मिला है और 12 लाख करोड रुपए की बंदरबाँट कर ली गई।तमिलनाडु के बाद बिहार दूसरा ऐसा राज्य बना जहां जाति आधारित गणना करवाई गई और आज मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास का लाभ भी मिल रहा है। भगवान ने वर्ण व्यवस्था की स्थापना नहीं की और ना ही उन्होंने लोगों को जातियों में विभक्त किया था।
लेकिन आज यह लोग जाति मैं बाट कर वर्ण व्यवस्था को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। शबरी के बेर खाने वाले राम को हम मानते हैं लेकिन जो सबरी के बेटे को मंदिर में न घुसने दे उसको हम नहीं मानते। 2018 में तात्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जगन्नाथ पुरी मंदिर में घुसने नहीं दिया गया था। वर्तमान राष्ट्रपति को भी घुसने नहीं दिया गया। जब हमने इसी बात को दोहराया और कहा कि जाति प्रथा भगवान के द्वारा नहीं बनाई गई वह पुरखों की गलती से बनी है उसे मानने की जरूरत नहीं तो हमारे जीभ की कीमत 10 करोड़ लगा दी गई।वही बात जब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की तो किसी ने चूँ तक नहीं की।
डीएनबी भारत डेस्क