पुलिस ने महिला के प्राइवेट पार्ट पर भी लाठी डंडे से जुल्म ढाया , महिला और युवक का कसूर सिर्फ इतना था की उन लोगो ने गलत तरीके से गिरफ्तारी पर अपनी आपत्ति दर्ज़ कराया था।
डीएनबी भारत डेस्क
बिहार में बढते अपराध के बीच अपराधियो के सामने बौनी बनी रहने वालीं पुलिस , वर्दी के रॉब में निहत्थे लोगो पर जुल्म ढाने को अपना शान समझती है। बेगूसराय पुलिस पर एक ऐसा ही इल्जाम जिला राजद के प्रधान महासचिव और उसके परिवार के लोगो ने लगाया है। इस घटना में इल्जाम है की मामूली विवाद में महिला और पुरुष पुलिस कर्मियो ने दो महिला समेत एक नवालिक युवक की थाने ले जाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की ।
इतना ही इस पिटाई में महिला के प्राइवेट पार्ट पर भी लाठी डंडे से जुल्म ढाया गया। महिला और युवक का कसूर सिर्फ इतना था की उन लोगो ने गलत तरीके से गिरफ्तारी पर अपनी आपत्ति दर्ज़ कराया था।। जिसका परिणाम था की महीला को थाने ले जाकर पुरुष और महिला पुलिस कर्मियो ने एक साथ महिला को बुरी तरीके से पिटा। इस घटना मे घायल तीनो लोगो का इलाज बेगूसराय सदर अस्पताल में चल रहा है।
इस घटना में पीड़ित परिवार ने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सहित बिहार की डीजीपी से आरोपी महिला और पुलिस कर्मियो पर कारवाई की मांग की है। घटना चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र की है।सरकार और बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा लागातार पुलिस कर्मियो को पीपुल फ्रेंडली बनने की नसीहत दी जाती है पर बेपरवाह पुलिस कर्मी कुछ न कुछ ऐसा कर जाते है जिससे पुलिस की छवि दागदार बन जाती है।
ताजा मामला बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र की है जहां पुलिस कर्मियों पर राजद महासचिव राम सखा महतो के परिवार की दो महिला और उसके पुत्र पर थाने में ले जाकर बेरहमी से पिटाई का आरोप लगा है। इस घटना में आरोप है की पुलिस कर्मियों ने रामएसखा महतो की पत्नी उसके पुत्र और उनकी भाभी की थाने पर ले जाकर पुलिस और महिला कर्मियो ने प्राइवेट पार्ट सहित पुरे शरीर पर लाठी डंडे लात घुसे से बेरहमी से पिटाई की गईं।
घटना के संबंध में राम सखा महतो ने बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकरता है जिसकी वजह से समाज में होने वाले लड़ाई झगड़ा सहित अन्य मामलों के निपटारे को सुलझाने का काम करते है। उनके द्वारा चौकीदार द्वारा शराब माफिया से साठ गाठ सहित का विरोध किया जाता रहा है। इसी क्रम में कुछ दिन पहले उनके बड़े भाई के दामाद द्वारा चार चक्का वाहन से कही आने जानें के दौरान पुलिस कर्मियो के रोक जानें पर नही रुकने पर पुलिस कर्मियों के द्वारा उनके दामाद सहित दो लोगों की थाना मे ले जाकर गंभीर रूप से पिटाई की गईं।
बाद मे उनके दामाद को छोड़ने के बदले में पुलिस कर्मियों के द्वारा पच्चीस हजार रूपया बतौर घुस मांगी गई। जान बचाने के लिय उनके दामाद द्वारा पैसा देने की स्वीकृति दी गईं। जिसके बाद उन्हें थाना से छोड़ा गया। पर जब उनके दामाद द्वारा किसी कारण वश यह पैसा नही दिया जा सका। इस घटना के विरोध मे राम सखा महतो द्वारा कुछ स्थानीय लोगों के साथ थाना पहुंच इस घटना पर विरोध दर्ज कराया गया और पैसे देने से इंकार किया गया।
इसी खीस से थाना के पुलिस कर्मी उन्हे अपने निशाने पर ले कर उन्हे उनके खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया। इसी बीच गांव के ही दो भाईयों के बीच के विवाद को उनके द्वारा सलटाने का प्रयास किया जा रहा था । इसी बीच एक पक्ष के द्वारा लड़ाई झगड़े की सूचना पुलिस को दी गई । तभी थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर रामसखा महतो की खोज करने लगी।
राम सखा महतो के घर पर नहीं मिलने पर पुलिस के द्वारा गाली गलौज और खीच तान किए जाने पर परिवार के लोगों ने इसका विरोध चलाया तो पुलिस कर्मियों ने जबरन परिवार की तो पहले और उनके बेटे को विरासत में लेकर थाने ले आई और थाने के ऊपरी छत पर ले जाकर महिलाओं और उनके पुत्र की अलग अलग बेरहमी से पिटाई की जानें लगीं। महिलाओं की पिटाई में महीला पुलिस और पुरूष पुलिस कर्मी एक साथ पिटाई करते रहे।
घटना के संबंध में प्रीत महिलाओं ने बताया कि टी के दौरान वह लगातार अपनी तबीयत खराब होने की आरजू मिनट करती रही पर पुलिसकर्मियों ने एक नहीं बक्शा उनके लाठी घुसे और लाठी डंडे से बेरहमी से पिटाई करते रहे। जिससे वो लोगो बूरी तरीके से घायल हो गईं।घ टना के संबंध में राम सखा महतो ने बताया की जानकारी मिलने के बाद वो ग्रामीणों के सहयोग से थाना पहुंचे और पीड़ित से मिलने की ज़िद करने लगे तो।
बाद में रात मे पी आर बॉन्ड बनाकर महिलाओं को छोड़ा गया। राम सखा मैं तूने आरोप लगाया है कि अगर वह मौके पर मिल जाते तो उनका एनकाउंटर हो सकता था । घटना के संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री और डीजीपी से आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।फि लहाल इस पूरी घटनाक्रम से परिवार के लोग जहां चलने में है वहीं पुलिस की कार्यशाली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
डीएनबी भारत डेस्क