बेगूसराय नगर निगम की पहली बैठक हंगामों के बीच हुई खत्म

मंगलवार को हुई इस पहली बैठक के दौरान विधानसभा की तर्ज पर वार्ड पार्षदों ने न सिर्फ गेट के समीप पहुंचकर जमकर हंगामा किया, बल्कि सदन में काफी देर तक धरने पर भी बैठे रहे..

मंगलवार को हुई इस पहली बैठक के दौरान विधानसभा की तर्ज पर वार्ड पार्षदों ने न सिर्फ गेट के समीप पहुंचकर जमकर हंगामा किया, बल्कि सदन में काफी देर तक धरने पर भी बैठे रहे..

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय में नगर निगम की पहली बैठक हो हंगामे के बीच खत्म हो गई। मंगलवार को हुई इस पहली बैठक के दौरान विधानसभा की तर्ज पर वार्ड पार्षदों ने न सिर्फ गेट के समीप पहुंचकर जमकर हो हंगामा किया बल्कि सदन में ही काफी देर तक धरने पर भी बैठे रहे.. अधिकतर वार्ड पार्षदों ने मेयर को मुखौठा मेयर करार देते हुए मेयर पर डिक्टेटर और चाबुक के बल पर सदन को चलाने का आरोप लगाया।

वार्ड पार्षदों की नाराजगी बिना एजेंडा पर चर्चा किये मेयर द्वारा सदन छोड़कर जाने को लेकर था। एक स्वर से विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ वार्ड पार्षदों के साथ उपमेयर भी कर रही थी। इस बैठक में वार्ड पार्षदों ने जहां अपनी अपनी समस्याएं रखी। वहीं समस्याओं के निदान की मांग जोर शोर से रखी। मंगलवार की इस बैठक में अधिकतर वार्ड पार्षद और नगर निगम के कर्मी मौजूद थे। इसी बीच बात तब और बिगड़ गई जब सदन द्वारा सर्वसम्मति से लोक लेखा समिति के गठन की आवाज उठाई गई। पर मेयर द्वारा इस पर आपत्ति दर्ज कराई गई।

दरअसल मेयर की इच्छा थी कि यह समिति उनके द्वारा ही नियुक्त की जाए पर बोर्ड के मेंबर इसे मानने को तैयार नहीं हुए। जिसके बाद हो हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद नगर आयुक्त के द्वारा नियम कायदों का हवाला देकर हाथ उठाकर वोटिंग का प्रस्ताव रखा गया। नगर आयुक्त के इस प्रस्ताव को मेयर सहित सभी सदस्यों ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। इस दौरान 23 सदस्य जहां बोर्ड के द्वारा लोक लेखा समिति के मेंबर बनाने के पक्ष में थे तो 9 लोग मेयर के द्वारा इस कमेटी के गठन के लिए हाथ उठाया गया।

वहीं कुछ सदस्यों ने हाथ ना उठाकर दोनों बातों का समर्थन किया। जिसके बाद मेयर बिना कमिटी के गठन के सदन छोड़कर चली गई। फिर क्या था सदस्यों ने अपनी नाराजगी जाहिर की और बेल पर आकर जोर-शोर से हो हंगामा करने लगे और वहीं धरने पर बैठ गए। जिसमें कई महिला पार्षद भी शामिल थी। वार्ड पार्षदों ने आरोप लगाया है कि मेयर डमी मेयर के रूप में काम कर रही हैं। वहीं यह अपनी डिक्टेटरशिप और चाबुक के सहारे नगर निगम को चलाना चाहती हैं। वार्ड पार्षदों ने बताया कि पूर्व में भी एक सौ की बाल्टी को यहां 800 में खरीदा गया ऐसे में मेयर साहिबा चाहती हैं कि उनके खासम खास लोग इस समिति में रहे जो उनके इशारे पर चल सके।

वहीं कुछ वार्ड पार्षदों ने आरोप लगाया है कि जब से वह मेंबर बनी है और अपनी बात सदन में रखना चाहती हैं। लेकिन मेयर के द्वारा बार-बार उन लोगों को चुप कराने का काम करती है। पार्षदों ने मेयर पर यह आरोप लगाया कि मेयर ने अपने लोगों को सशक्त समिति में शामिल कराया। जो उनके अधिकार क्षेत्र में था.. पर नियमों के हिसाब से लोक लेखा समिति का गठन बोर्ड के द्वारा सर्वसम्मति से कराया जाता है जिसे मेयर मानने को तैयार नहीं है। वहीं बेल पर हंगामा कर रहे लोगों ने बताया कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वह तेजस्वी यादव को इस संबंध में पत्र सौंपेंगे। पार्षदों ने कहा कि जो लोग सशक्त समिति में हैं उनकी बात पर मेयर हां में हां मिलाती हैं पर उन लोगों की बात नहीं सुनी जाती है उन्हें चुप करा दिया जाता है।

बताते चलें कि लोक लेखा समिति नगर निगम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण समिति है जो नगर निगम के आय ब्यय से संबंधित लेखा जोखा रखती है। इस समिति में 2 सदस्य बाहर के होते हैं। इसके पहले भी नगर निगम के लोक लेखा समिति के द्वारा कम मूल्य के सामान को अधिक दाम मे खरीदने का आरोप पूर्ब महापौर संजय सिंह जो वर्तमान में एयर के पति हैं उन पर लगा चुका है। ऐसे में वार्ड पार्षद यह चाहते हैं कि बोर्ड द्वारा नियुक्त यह समिति ही नियुक्त हो। ताकि नगर निगम का लेखा-जोखा ठीक रह सके। इस मामले में उप मेयर अनिता राय ने आरोप लगाया है कि जब मेयर और वार्ड पार्षद की सहमति से नियम कायदों का हवाला देकर हाथ उठाया गया तो फिर मेयर इसे क्यों मानने से इंकार कर रही है और बैठक से चली गई यह सरासर गलत है और वार्ड पार्षदों की अनदेखी है। अपने-अपने भी मेल पर कई गंभीर आरोप लगाएं।

कई बार पार्षदों ने आरोप लगाया है कि मेयर इस समिति के गठन के लिए दूसरे बूथ की बैठक का इसलिए इंतजार कर रही हैं ताकि वह वार्ड पार्षदों को लालच दे सके उन्हें डरा धमका सके और वार्ड पार्षदों को अपने पक्ष में लेने की कोशिश करेंगी।वहीं इस मामले में मेयर पिंकी देवी का अपना तर्क है। पिंकी देवी ने सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आज की बैठक में जिन पार्षदों ने पक्ष विपक्ष में हाथ उठाया पर कुछ ऐसे भी पार्षद थे जिन्होंने हां ना दोनों में अपनी सहमति जाहिर की ऐसे में अगली बैठक में लोक लेखा समिति का गठन किया जाएगा..

बेगूसराय संवाददात सुमित कुमार बबलू

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