बाघों को बचाना आज मनुष्य समाज की सबसे बड़ी जिम्मेवारी – महेश भारती

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर काबर पक्षी अभयारण्य के बीच स्थित जदमंगला गढ़ में बेगूसराय वन प्रमंडल की ओर से सेभ टाइगर को लेकर कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

बाघ दिवस के अवसर पर काबर पक्षी अभयारण्य के बीच स्थित जदमंगला गढ़ में बेगूसराय वन प्रमंडल की ओर से सेभ टाइगर को लेकर कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

डीएनबी भारत डेस्क 

बाघों को बचाना आज मनुष्य समाज की सबसे बड़ी जिम्मेवारी है। घटते वन क्षेत्र और मनुष्य के बढ़ते वास स्थान और बाघों के घटते आश्रय स्थल एवं उनमें मानवीय हस्तक्षेप ने बाघों के अस्तित्व पर संकट खड़ा कर दिया है। शनिवार को विश्व बाघ दिवस के अवसर पर काबर पक्षी अभयारण्य के बीच स्थित जदमंगला गढ़ बेगूसराय वन प्रमंडल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए काबर नेचर क्लब के संरक्षक सह पर्यावरणविद् महेश भारती उक्त बातें कही।

उन्होंने कहा कि आहार जखल और आहार श्रृंखला में बाघ, सिंह उच्चतम स्तर पर हैं। बाघों को मारने और उनके खाल तथा हड्डी के व्यापार ने बाघ की संख्या कम कर दी। आज अफ्रीका में सबसे ज्यादा बाघ बचे हैं। जबकि कभी भारतीय प्रायद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में बड़ी संख्या में बाघ पाए जाते थे। बाघों की संख्या सिमटने से पृथ्वी के पर्यावरण तंत्र की आहार जाल और आहार श्रंखला के टुटने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

इससे पर्यावरण पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और विश्व को प्राकृतिक संकट का सामना करना पड़ेगा। भारत सरकार ने बाघों की संख्या बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिए देशभर में व्याघ्र परियोजना की शुरुआत की है। बिहार का वाल्मीकि टाईगर प्रोजेक्ट इसी का हिस्सा है। आज संरक्षण की वजह से बाघों की संख्या अपने देश में बढ़ी है। दुनिया भर में लोग आज बाघ संरक्षण पर काम कर रहे हैं।

मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बेगूसराय के वन प्रमंडल पदाधिकारी रवीन्द्र कुमार रवि ने कहा कि विश्व बाघ दिवस पर बिहार सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार इस अभयारण्य क्षेत्र में यह कार्यक्रम आयोजित है। कभी काबर और जयमंगलागढ़ वन क्षेत्र में भी बाघ निवास करते थे। आज उनकी संख्या सिमट रही है। यह चिंतनीय है। इस अवसर पर चित्र प्रतियोगिता, साईकिल रेस, क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

जिसमें मंझौल के परिषद् मध्य विद्यालय और कन्या मध्य विविद्यालयसहित आसपास विद्यालय के छात्र छात्राओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता में सफल प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक चन्द्र किशोर ठाकुर तथा धन्यवाद ज्ञापन रेंजर संजीव कुमार ने किया। मौके पर समाजसेवी अमन कुमार, मुकेश कुमार, पुष्पा कुमारी, ज्योतिष कुमार, वनरक्षक दिवाकर कुमार, महेन्द्र सदा आदि मौजूद थे।

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