साधु समाज की इच्छा शक्ति है की बेगूसराय की धरती को भारत के मानचित्र पर रखा जाए- बौआ हनुमान

गंगा तट पर मास करना ही कल्पवास माना गया है – विष्णुदेवाचार्य

आनेवाले समय में सिमरिया गंगा तट पर बेहतर व्यवस्था होगी – अवध किशोर दास

डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय-साधु समाज की इच्छा शक्ति है कि बेगूसराय की धरती को भारत के मानचित्र पर रखा जाए। कुम्भ सेवा समिति जनसेवा में सहयोग करे। उक्त बातें सिमरिया की धरा धाम पर कल्पवासियों को संबोधित करते हुए बुधवार को मिथलेश दास उर्फ बौआ हनुमान जी महाराज ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सिमरिया धाम में सभी साधु,संत, महन्त, खालसा धारी, महामंडलेश्वर, एक बार आत्म सिद्धि करके एक चटाई पर बैठकर पुनः प्रयास करें और बेगूसराय की धरती को भारत की मानचित्र पर लाएं। आगे उन्होंने कहा कि सिमरिया धाम में शाही स्नान या कुम्भ का आयोजन चन्द लोगों की इच्छा शक्ति है।
सस्ती लोकप्रियता और वर्चस्व के कारण कुछ लोग जनसेवा खालसा धारियों का आदर नहीं करते हैं। उन्होंने कुम्भ सेवा समिति की और इशारा करते हुए कहा कि कुम्भ सेवा समिति केवल शाही स्नान और कुम्भ तक में ही नहीं सिमटे हुए रह जाए। वह जनसेवा के कार्यों में भी सहयोग करे। उन्होंने जिला प्रशासन से अनुरोध करते हुए कहा कि विद्युत का आपूर्ति निर्वाध रुप से सिमरिया धाम में हो और इसके लिए राजस्व का निर्धारण कर प्रत्येक खालसों में रशीद काटा जाए। साधु संत महन्त की भंडारा आयोजित करने हेतु सस्ते दामों पर कोटा से कच्चा अनाज का प्रबंध किया जाए। वहीं दूसरी तरफ खखर खालसा के व्यवस्थापक सह जगतगुरु विष्णुदेवाचार्य ने कहा कि गंगा नदी तट पर मास करना ही कल्पवास माना गया है।अनादि काल से ही गंगा नदी तट पर कल्पवास होते आ रहा है। हरिद्वार, प्रयागराज, गंगासागर, सिमरिया, मुंगेर घाट, मानसी घाट, चमथा घाट पर अनादि काल से संत महन्त खालसा धारी यहां व्रत रखकर कल्पवास करते आ रहे हैं।
आज़ के समय में सिमरिया घाट में बड़ी संख्या में श्रद्धालु कल्पवास करते हैं। वहीं महामंडलेश्वर कथावाचक अवध किशोर दास जी महाराज ने कहा कि विगत 50 वर्षों से अधिक समय से हम यहां कल्पवास करने आते हैं।तब यहां दो -चार ही खालसा लगा करते थे। भक्तों की श्रद्धा बढ़ी और महात्माओं का जिज्ञासा जिससे आज़ सिमरिया धाम में 127 खालसा है। जिला प्रशासन को जो व्यवस्था करनी चाहिए थी वो पूर्ण रूप से व्यवस्था नहीं हो पाई है। हमें आशा और विश्वास है कि आनेवाले समय में इससे बेहतर व्यवस्था सिमरिया धाम में उपलब्ध होगा। इस बार मेला क्षेत्र की साफ-सफाई, सेफ्टी टेंक सफाई, पानी की टंकी से मेला क्षेत्र में जल का छिड़काव, पेयजल की व्यवस्था सहित अन्य दर्जनों समस्याएं हैं जिसपर जिला प्रशासन को क़दम उठाना चाहिए।
वहीं इस सिमरिया धाम में गुरुवार को हो रहे तृतीय शाही स्नान पर सभी खालसा धारियों, महामंडलेश्वर, जगतगुरु विष्णुदेवाचार्य, मिथलेश दास उर्फ बौआ हनुमान सहित अन्य ने अपने आप को अलग बताया। एक साधु संत ने कहा कि शाही स्नान प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है। वहीं इन साधुओं के वचनों का समर्थन करते हुए समस्तीपुर जिले के मानस संघ अध्यक्ष विश्वनाथ झा और बिहार प्रदेश के मानस संघ के कोषाध्यक्ष अशोक झा ने भी समर्थन किया।
वहीं दूसरी ओर देखें तो सिमरिया धाम में कुम्भ को जागृत करने वाले सर्वमंगला आध्यात्म योग विद्या पीठ सिमरिया धाम के अधिष्ठाता प्रातः स्मरणीय परम पूज्य गुरुदेव स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने भी प्रथम एवं द्वितीय शाही पर्व स्नान पर्व के पुणीत अवसरों पर अपने आप को अलग रखा है और वह यह भार अब कुम्भ सेवा समिति को सौंप दिया है। विदित हो कि स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने दोनों शाही पर्व स्नान में रामघाट पर द्वादश कुम्भ स्थलों के जल व मंत्र से स्नान बनाते आए हैं। हालांकि इस बार बेहतर सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा निरीक्षण कर दिशा-निर्देश दिया गया है।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट