डीएनबी भारत डेस्क
बिहारशरीफ के श्रम कल्याण मैदान में भारतीय बौद्ध महासभा के तत्वाधान में विशाल बौद्ध धम्म क्रांति महा समागम का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के तैलिय चित्र पर माल्यार्पण कर 66वीं महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर नेताओं ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर भारतरत्न संविधान निर्माता लोकप्रिय अर्थशास्त्री राजनीतिक एवं समाज सुधारक थे। बाबा भीमराव अंबेडकर ने गौतम बुद्ध के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। यही कारण है कि उन्होंने अंधभक्त पाखंडवाद को मिटाकर पुनः घर वापसी करने एवं विज्ञान में विश्वास करने का संकल्प लिया।
दलित नेताओं ने कहा कि जब हमारा समाज गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था और छुआछूत जैसी समाज की कुरीतियों से जूझ रहा था। उस वक्त 7 करोड़ देवी देवता कहां चले गए थे। उस वक्त हम बहुजन समाज को कोई भी बचाने कोई देवी देवता आगे नहीं आया था। उस वक्त शोषित एवं वंचित लोगों को बचाने के लिए बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आए थे। आज हम दलित समाज के लोग जो कुछ भी हैं वह बाबा भीमराव अंबेडकर की देन है और उन्हीं की बदौलत आज हमारा समाज उनके संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।
नालंदा से ऋषिकेश