नाबालिग बच्ची को जालिम परिजन के अत्याचार से बछवाड़ा थाना की पुलिस ने कराया मुक्त, ग्रामीणों की शिकायत पर हुई कार्रवाई

बेगूसराय जिला के बछवाड़ा थानाक्षेत्र नूरसराय नूर नगर का मामला, बछवाड़ा थाना ने की कार्रवाई। लेबर विभाग इंस्पेक्टर बेगूसराय को नबालिक के साथ मजदूरी के नाम पर अत्याचार की सूचना दी गई पर नहीं हुई कोई कार्रवाई।

बेगूसराय जिला के बछवाड़ा थानाक्षेत्र नूरसराय नूर नगर का मामला, बछवाड़ा थाना ने की कार्रवाई। लेबर विभाग इंस्पेक्टर बेगूसराय को नबालिक के साथ मजदूरी के नाम पर अत्याचार की सूचना दी गई पर नहीं हुई कोई कार्रवाई।

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय में बंधुआ मजदूरी का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। जिसमें रिश्ते में नाना लगने वाले एक शख्स ने अपने ही नाबालिक नतनी को तकरीबन 4 वर्षों से बंधुआ मजदूर बनाकर काम करवा रहा था और छोटी-छोटी गलतियों पर भी मारपीट की घटना को अंजाम देकर प्रताड़ित कर रहा था। पूरा मामला बछवाड़ा थाना क्षेत्र के नूरसराय नूर नगर की है।

वहीं इस मामले में नाबालिग पीड़ित बच्ची का आरोप है कि उसके नाना एवं नानी के द्वारा भरपेट खाना नहीं दिया जाता था। काम नहीं करने पर गाली गलौज, मारपीट की जाती थी। जब ग्रामीणों के द्वारा इस बात की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी गई तो किसी तरह स्थानीय प्रशासन ने उस बच्ची को परिजन के अत्याचार के चंगुल से छुड़ाया, फिलहाल उक्त नाबालिक लड़की को बालिका गृह बेगूसराय में रखा गया है।

क्या है पूरा मामला, एक रिपोर्ट

संबंधित क्षेत्र के संवाददाता के द्वारा लिया गया पूरे मामले के विडियो में साफ दिखाई रहा है कि नाबालिग बच्ची पढ़ने लिखने की उम्र में अपनों के ही जुल्म का शिकार हुई है। दरअसल पीड़ित लड़की ने बताया उसके मां और पिता दरभंगा जिला के झंझारपुर थाना क्षेत्र के कन्हौली के रहने वाले हैं और गरीबी की वजह से उन्होंने उसे अपने रिश्ते में लगने वाले नाना मो शरीफ अंसारी के यहां बेगूसराय जिले के बछवाड़ा थाना क्षेत्र अन्तर्गत नूरसराय नूर नगर भेजा था।

माता पिता ने नाबालिग बच्ची को नाना नानी के काम में हाथ बटाने के साथ-साथ बच्ची की पढ़ाई लिखाई की भी जिम्मेवारी परिजन को दी थी। लेकिन शायद नाबालिक के परिजनों को यह पता नहीं था कि उनकी बच्ची पर वहां जुल्म के सिवा कुछ नहीं किया जाएगा। पीड़ित बच्ची का आरोप है कि तकरीबन 4 वर्षों से उसके नाना शरीफ अंसारी एवं नानी के द्वारा उससे जबरन काम भी करवाया जाता था और पढ़ने लिखने नहीं दिया जाता था।

इतना ही नहीं उन लोगों के द्वारा बच्ची के साथ मारपीट की भी घटना को अंजाम दिया जाता था। एक दिन मौका पाकर पीड़ित बच्ची नाना के घर से फरार हो गई और गांव में ही एक जगह बैठ कर रो रही थी तब ग्रामीणों की नजर बच्ची पर पड़ी और पूरे मामले की जानकारी होने के बाद ग्रामीणों ने बछवाड़ा पुलिस को इसकी सूचना दी।

तत्पश्चात बछवाड़ा थानाध्यक्ष अजीत कुमार की तत्परता से बच्ची को जालिम परिजन के अत्याचार से मुक्त कराया और इस बात की जानकारी स्थानीय लेबर इंस्पेक्टर बेगूसराय को दी गई। चुंकि मामला बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी से जुड़ा था। लेकिन यहां संबंधित विभाग की लापरवाही सामने आ रही है और अब तक लेवर इंस्पेक्टर के द्वारा उक्त बच्ची के संबंध में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।

फिलहाल बछवारा थाने की पुलिस ने उक्त बच्ची को बालिका गृह बेगूसराय में रखा है और अपने तरफ से आगे की प्रक्रिया में जुटी है। अब देखने वाली बात होगी कि लेबर इंस्पेक्टर के द्वारा कब तक इस मामले में संज्ञान लिया जाता है और बच्ची को न्याय दिलाने के साथ-साथ क्रूर परिजनों पर कार्रवाई की जाती है।

बेगूसराय बछवाड़ा संवाददाता सुजीत कुमार 

Begusarai