खगड़िया: पैसे के विवाद में किन्नरों को पिटाई, किन्नरों ने चित्रगुप्त नगर थाने में आवेदन देकर आरोपी की गिरफ़्तारी की मांग Read more
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक पहुंचे नूरसराय प्रखंड,प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत Read more
बेगूसराय में अतिक्रमण पर चला प्रशासन का बुलडोजर, दर्जनों अवैध दुकान एवं अवैध तरीके से लगाए गए बैनर पोस्टर को हटाया गया Read more
अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने कहा – 1 अप्रैल से किसी विद्यालय में कोई भी बच्चा जमीन पर नहीं बैठेगा Read more
किसान कॉलेज के प्रोफेसर के साथ मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार को लेकर भाजपा नेता छोटे मुखिया ने की कड़ी निंदा, सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग Read more
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत बने शौचालय का निरीक्षण करने के बहाने आए बदमाशों ने महिला का चेन छीनकर हुआ फरार Read more
भारतीय बौद्ध महासभा के बैनर तले अस्थावां प्रखंड कार्यालय के मैदान में सामाजिक परिवर्तन के महानायक कांशीराम साहब का मनाया गया 90 वीं जयंती समारोह Read more
बिजली की शॉट सर्किट से अवैध डीजल पेट्रोल की दुकान में लगी आग, दुकान में रखा सभी समान जलकर राख, दुकानदारो में मची अफरातफरी Read more
नाटक ‘भेड़िया’ समाज में छिपे शोषण करने वाले व्यक्तियों एवं समूहों का पोल खोलने का सफल प्रयास हमारे आसपास या हम सब के अंदर कहीं ना कहीं एक भेड़िया छुपा हुआ है ज़रूरी है उसे ख़त्म करना। डीएनबी भारत डेस्क अभिनय के माध्यम से कलाकरों ने किया। नाटक मेडिकल,शिक्षा,जातिवाद,धर्म परिवर्तन, औरतों के साथ हिंसा एक साथ कई कहानियों को साथ लेकर चल रहा था। भेड़िया इंसानी वेश-भूषा में हमारे समाज मे छिपा हुआ है। जिसको जब मौका मिलता है अपने हिस्से का नोंचना शुरु कर देता है। साथ ही भेड़ियों की नई पीढ़ी तैयार करना शुरु करता है। हमारे आसपास या हम सब के अंदर कहीं ना कहीं एक भेड़िया छुपा हुआ है ज़रूरी है उसे ख़त्म करना। वहीं अन्नदाता किसान के साथ किस प्रकार अन्याय होता है। शिक्षा के नाम पर किस प्रकार अभिभावक अपने बच्चे पर अपना विचार थोपते है,इलाज के नाम पर मेडिसिन एवं डॉक्टर किस प्रकार शोषण करते है आज भी जात के नाम पर घोड़ी पर से दूल्हे को उतार दिया जाता है और उसे प्रताड़ित किया जाता है। नाटक मे इन्हीं सब चीजों को दिखया गया था। कार्यशाला के संयोजक एवं सचिव ऋषिकेश कुमार ने बताया इस तरह के कार्यकर्म आगे होते रहेगें। मेरा प्रयास रहेगा बच्चे हर प्रकार के रंगमंच से अवगत हो। जितना ज्यादा से ज़्यादा सिखने का मौका मिले। इस नाटक का संगीत परिकल्पना एवं निर्देशन सिकंदर कुमार ने किया। जो राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से पास आउट है। प्रकाश परिकल्पना रवि वर्मा का था ,पोस्टर दीज्यान श्याम कुमार सहनी ने किया। नाटक में भाग लेने वाले कलाकार मुस्कान कुमारी, पूर्णिमा कुमारी,साक्षी कुमारी,आंचल कुमारी,वीजेंद्र कुमार,आकाश कुमार, कुणाल कुमार, ऋषि कुमार,राजेश कुमार,आयुष कुमार,प्रिंस कुमार,रोहित कुमार,शिवम कुमार ,धर्मवीर कुमार एवं शिवांग श्रेष्ठ ने अभिनय से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।बताते चलें कि बाल रंगमंच आर्ट एण्ड कल्चरल सोसाइटी मल्हीपुर के द्वारा आयोजित 15 दिवसीय नाट्य कार्यशाला का समापन भेड़िया नाटक की प्रस्तुति से हुआ।यह नाटक प्रयोग के नये आयामों को लेकर उपस्थित हुआ। कलाकार अपनी शारीरिक गतिविधि एवं प्रतीकों के माध्यम से कहानी को कहने का सफल प्रयास किया। नाटक में एक भी संवाद नहीं था। दर्शकों के लिए यह बिल्कुल नया अनुभव था।और दर्शकों ने इस प्रयोग को स्वीकारा भी। इससे बिना एक भी संवाद का नाट्य रूपांतरण सम्भव कर दिखाया कलाकरों ने। यह कलाकरों के लिए भी नई चीज है। बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट नाटक ‘भेड़िया’ समाज में छिपे शोषण करने वाले व्यक्तियों एवं समूहों का पोल खोलने का सफल प्रयास हमारे आसपास या हम सब के अंदर कहीं ना कहीं एक भेड़िया छुपा हुआ है ज़रूरी है उसे ख़त्म करना। डीएनबी भारत डेस्क अभिनय के माध्यम से कलाकरों ने किया। नाटक मेडिकल,शिक्षा,जातिवाद,धर्म परिवर्तन, औरतों के साथ हिंसा एक साथ कई कहानियों को साथ लेकर चल रहा था। भेड़िया इंसानी वेश-भूषा में हमारे समाज मे छिपा हुआ है। जिसको जब मौका मिलता है अपने हिस्से का नोंचना शुरु कर देता है। साथ ही भेड़ियों की नई पीढ़ी तैयार करना शुरु करता है। हमारे आसपास या हम सब के अंदर कहीं ना कहीं एक भेड़िया छुपा हुआ है ज़रूरी है उसे ख़त्म करना। वहीं अन्नदाता किसान के साथ किस प्रकार अन्याय होता है। शिक्षा के नाम पर किस प्रकार अभिभावक अपने बच्चे पर अपना विचार थोपते है,इलाज के नाम पर मेडिसिन एवं डॉक्टर किस प्रकार शोषण करते है आज भी जात के नाम पर घोड़ी पर से दूल्हे को उतार दिया जाता है और उसे प्रताड़ित किया जाता है। नाटक मे इन्हीं सब चीजों को दिखया गया था। कार्यशाला के संयोजक एवं सचिव ऋषिकेश कुमार ने बताया इस तरह के कार्यकर्म आगे होते रहेगें। मेरा प्रयास रहेगा बच्चे हर प्रकार के रंगमंच से अवगत हो। जितना ज्यादा से ज़्यादा सिखने का मौका मिले। इस नाटक का संगीत परिकल्पना एवं निर्देशन सिकंदर कुमार ने किया। जो राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से पास आउट है। प्रकाश परिकल्पना रवि वर्मा का था ,पोस्टर दीज्यान श्याम कुमार सहनी ने किया। नाटक में भाग लेने वाले कलाकार मुस्कान कुमारी, पूर्णिमा कुमारी,साक्षी कुमारी,आंचल कुमारी,वीजेंद्र कुमार,आकाश कुमार, कुणाल कुमार, ऋषि कुमार,राजेश कुमार,आयुष कुमार,प्रिंस कुमार,रोहित कुमार,शिवम कुमार ,धर्मवीर कुमार एवं शिवांग श्रेष्ठ ने अभिनय से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।बताते चलें कि बाल रंगमंच आर्ट एण्ड कल्चरल सोसाइटी मल्हीपुर के द्वारा आयोजित 15 दिवसीय नाट्य कार्यशाला का समापन भेड़िया नाटक की प्रस्तुति से हुआ।यह नाटक प्रयोग के नये आयामों को लेकर उपस्थित हुआ। कलाकार अपनी शारीरिक गतिविधि एवं प्रतीकों के माध्यम से कहानी को कहने का सफल प्रयास किया। नाटक में एक भी संवाद नहीं था। दर्शकों के लिए यह बिल्कुल नया अनुभव था।और दर्शकों ने इस प्रयोग को स्वीकारा भी। इससे बिना एक भी संवाद का नाट्य रूपांतरण सम्भव कर दिखाया कलाकरों ने। यह कलाकरों के लिए भी नई चीज है। बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट Read more
बेगूसराय में एक युवक को पिट पीटकर किया हत्या, इलाके में फैली सनसनी, पुलिस मामले की जांच में जुटी Read more