गढ़हरा के मंजीत ने चित्रकारी के क्षेत्र में बढ़ाया बेगूसराय जिला का मान

राष्ट्रपति और अभिनेता सोनू सूद को भी उनकी तस्वीर बनाकर उपहार स्वरूप कर चुके हैं भेंट, फाइन आर्ट्स एण्ड क्राफ्ट में बना रहे हैं कैरियर।

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय जिला अंतर्गत गढ़हरा निवासी मंजीत चित्रकारी के क्षेत्र में बिहार समेत अन्य राज्यों में धमाल मचा रहा है। बरौनी प्रखण्ड के नगर परिषद बीहट अंतर्गत गढ़हरा गोढ़ियारी टोला निवासी पेंटर रामनाथ चौधरी का 24 वर्षीय पुत्र मंजीत कुमार की फाइन आर्ट को देख बड़े-बड़े सुरमें भीअचंभित हैं। हाल में 21 सितंबर 2022 को पटना के बापू सभागार में पहुंचे सिने अभिनेता सोनू सूद की तस्वीर अपने हाथों से बनाकर उन्हें उपहार स्वरूप भेंट किया।अभिनेता सोनू सूद खुद की पेंटिंग को देख काफी खुश हुए। पूरे सभागार में मंजीत बिहारी ने खूब तालियां बटोरी। सभा में मंजीत ने कहा कि लगातार छह घण्टे में लकड़ी की फ्रेम बनाकर अपने चहेते हीरो की तस्वीर बनाई है। उसने बताया कि इससे पूर्व खुद से 2014 में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की तस्वीर बनाई। समय मिलते ही 2019 में उन्हें तस्वीर भेंट किया। राष्ट्रपति का आशीर्वाद लेकर इस क्षेत्र में आगे बढ़ने और देश स्तर पर कुछ करने के उनके जज्बे को और बल मिला। मंजीत ने बताया रेलवे इंटर काॅलेज गढ़हरा से 12वीं पास कर अपनी पहचान बनाने के उद्देश्य से पटना शहर से स्टार्टअप लिया। गरीबी किसे कहते हैं नजदीक से देख कर कभी घबराया नहीं।उन्होंने बताया कि पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट मार्च 2017 में ज्वाइन किया। पैसे के अभाव में  2020 में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स में एडमिशन नहीं ले सके। इसके बाद 2021 में एमएफए की डिग्री के लिए किसी तरह काशी विद्यापीठ में एडमिशन कराया। मास्टर ऑफ आर्ट्स के लिए रेणुकूट यूपी जाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि बिहार पटना में रहकर बड़े बड़े फ्लोर पर काम करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

 

लॉक डाउन में कभी नहीं घबराया, बाल काटे व सामान बेच कर कमाए रुपये
कोरोना काल में लॉक डाउन के समय की चर्चा करते हुए मंजीत ने कहा कि इंसान को परेशानी में घबराना नहीं चाहिए बल्कि धैर्य से आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।इस दौरान पेंटिंग काम बंद था तो उसने कहा बाल काट कर जीविकोपार्जन की व्यवस्था की साथ ही उन्होंने कहा बाल काटना पेशा नहीं कला है।पैसे के अभाव में बहुत सारी चीजें बेची भी है। अभी तक बैंक में खाता नहीं है। उनका शौक है कि इस क्षेत्र में पीएचडी भी करें। बीते दिनों की चर्चा करते हुए कहा कि पेंसिल से पेंटिंग करते हुए जिम्मेदारी के कारण ब्रश भी उठाया।

रेलवे में पिता के साथ ठेका पर किया पेंटिंग का काम
गढ़हरा बरौनी के रेलवे क्वार्टर में ठेका का काम कर अपने पिता के साथ क्वार्टर में नाम लिखने, रेलवे गार्ड व ड्राइवर के बक्सा में नाम लिखने का काम भी किया। बरौनी से कटिहार स्टेशन तक पेंटिंग का काम कर चुके हैं। पिता के साथ काम करने का तरीका और धैर्य संयम भी सीखा। लाइफ को लेकर कभी फ्रस्ट्रेट नहीं हुआ।और आज उसी अनुभव से भी कामयाबी मिलती गई। पढ़ाई के साथ-साथ स्किल मजबूत करना चाहिए।

 

 

छोटा टारगेट को पूरा करने की जिम्मेदारी समझे, कामयाबी अवश्य मिलेगी
छात्रों को खुद का स्टेटस बनाना चाहिए। कभी भी किस्मत के भरोसे नहीं रहना चाहिए। छोटा टारगेट पूरा करने की जिम्मेदारी समझें। मंजीत ने बताया कि बचपन में गिर जाने के कारण सिर में चोट लगने पर मेंजाइटिस बीमारी हो गयी थी। शरीर का स्वरूप बदला लेकिन हिम्मत नहीं हारी। मेहनत और संघर्ष करते हुए आज कामयाबी की दौर से गुजर रहा हूं। उन्होंने माता पिता एवं शिक्षक बारो निवासी विक्रम कुमार को अपना आदर्श माना है। उन्होंने कहा कि B (बी) से सीख मिली है।इसलिए अपने नाम में बिहारी जोड़ लिया है। बी से बारो से काम करना शुरू करते हुए बी से बरौनी, बीहट, बेगूसराय, बिहार फिर पूरे भारत में नाम रौशन करना लक्ष्य है।

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