डीएनबी भारत डेस्क
नीट पेपर लीक और यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी की खबरों के बाद देश भर में बवाल मचा हुआ है, साथ ही सरकार की काफी किरकिरी हुई है। लोग सरकार पर उंगली उठा रहे हैं वहीं विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ है। इस बीच सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया और परीक्षा में गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक सख्त कानून लागू कर दिया है।
केंद्र की सरकार ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 को अधिसूचित कर दिया है। यह अधिनियम सदन में इस वर्ष फरवरी में पारित हुआ था जिसे अब 22 जून से लागू कर दिया गया है।
लोक परीक्षा अधिनियम 2024 के तहत परीक्षाओं में 15 प्रकार के अनुचित काम करने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। इन गतिविधियों में परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र या उत्तर लीक करना, पेपर लीक होने की स्थिति में दोषी के साथ रहना, बिना किसी अधिकार के प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट देखने या अपने पास रखना, परीक्षा के दौरान किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के द्वारा एक या अधिक सवाल का जवाब देना, परीक्षा अभ्यर्थी को किसी भी प्रकार से उत्तर लिखने में मदद करना, परीक्षा केंद्र पर नियमों की अनदेखी या उल्लंघन करना, अभ्यर्थियों की शार्ट लिस्टिंग, मेरिट या रैंक निर्धारित करने के जरुरी मानकों से छेड़छाड़ करना शामिल है।
इसके साथ ही परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी कराने की नीयत से जानबूझ कर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन, कंप्यूटर नेटवर्क, कंप्यूटर रिसोर्स से छेड़खानी, उम्मीदवार के सिटिंग अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट के आवंटन में गड़बड़ी करना, परीक्षा में लगे किसी भी व्यक्ति को धमकाना या परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न करना, धोखाधड़ी के लिए फर्जी वेबसाइट बनाना, फर्जी परीक्षा कराने, फर्जी एडमिट कार्ड या फर्जी ऑफर लेटर जारी करना गैरकानूनी होगा। उपरोक्त कोई भी गतिविधि में शामिल होने पर तीन से दस वर्ष तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही कम से कम एक करोड़ रूपये जुर्माना भी लगाया जाएगा।