अभाविप ने मनाया बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर की 132वीं जयंती।
डीएनबी भारत डेस्क
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बरौनी इकाई द्वारा स्थानीय एपीएसएम कॉलेज बरौनी में भारत रत्न बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की 132वी जयंती मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर मंत्री आनंद कुमार ने किया।
परिषद गीत छात्र नेता सचिन मेहता ने गाया और उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 का विरोध किया, जिसने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिया, और जिसे उनकी इच्छाओं के ख़िलाफ़ संविधान में शामिल किया गया था।
गाँधी व कांग्रेस की कटु आलोचना के बावजूद अंबेडकर की प्रतिष्ठा एक अद्वितीय विद्वान और विधिवेत्ता की थी। अंबेडकर एक बुद्धिमान संविधान विशेषज्ञ थे, उन्होंने लगभग 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया था। अंबेडकर ने महिलाओं के लिए व्यापक आर्थिक और सामाजिक अधिकारों के लिए तर्क दिये।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सीताराम ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर ने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। मिथिला विश्वविद्यालय कोर कमेटी सदस्य ध्रुव कुमार एवं नगर मंत्री आनंद कुमार ने बताया कि हम सब भारत मां के लाल छुआछूत का कहां है सवाल ऐसा विचार हमारे अभाविप परिवार का है।
अंबेडकर वास्तव में समान नागरिक संहिता के पक्षधर थे और कश्मीर के मामले में धारा 370 का विरोध करते थे। अंबेडकर का भारत आधुनिक, वैज्ञानिक सोच और तर्कसंगत विचारों का देश होता, उसमें पर्सनल कानून की जगह नहीं होती।
साथ ही उपस्थित वक्ताओं ने कहा वर्तमान परिवेश में अंबेडकर को अंबेडकर बनाने वाले को भुला दिया गया। जो कोई और नहीं अध्यापक कृष्णाजी केशव अंबेडकर हैं, जिन्होंने भीमराव सकपाल को अपना सरनेम (उपनाम) देकर भीमराव अंबेडकर बनाया और उनको पढ़ाया-लिखाया तथा अग्रिम अध्ययन के लिए विदेश भेजने हेतु गायकवाड़ बडौदा महाराज से सिफारिश करके स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था कराई।
सचमुच समरसता और एकता हमारे समाज का सदा से अभिन्न अंग रहा है। यह सामाजिक एकता सदैव भारत में बनी रहे ताकि बाबा साहेब जैसी महान विभूतियां इस पावन धरा को सुसज्जित करती रहें।
मौके पर अमन आनंद, रवि कुमार, जितेंद्र कुमार, श्रवण कुमार, अजय कुमार, प्रभाकर कुमार, आलोक कुमार, कोषाध्यक्ष गोपाल कूमार, चांदनी कुमारी, विष्णु कुमार, अंकित कुमार, सुजीत कुमार एवं दर्जनों छात्र एवं महाविद्यालय के कर्मचारी मौजूद थे।