उदयीमान सूर्य को अर्घ देनें के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा सम्पन्न

लाखीसराय के विभिन्न छठ घाटों पर उत्सवी माहौल के साथ पारंपरिक छठ गीत के धुन में झुमते दिखे श्रद्धालु।

लाखीसराय के विभिन्न छठ घाटों पर उत्सवी माहौल में पारंपरिक छठ गीत के धुन में झूमते दिखे श्रद्धालु।

डीएनबी भारत डेस्क 

चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा उदयीमान सूर्य देव को अर्घ देने के साथ सम्पन्न हुआ। लखीसराय में छठ व्रती अर्घ देने के बाद घाट, बाट पूजा अर्चना के बाद पारण कर अपना व्रत समापन किया। लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन सुबह कैमूर के विभिन्न घाटों तालाबों जलाशय एवं अपने घरों में छठ करने वाले लाखों छठ व्रतियों ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा अर्चना की इसी के साथ 4 दिनों तक चलने वाले छठ पर्व का समापन हो गया।

छठ पर्व को लेकर सड़कों से लेकर मुहल्लों की गलियों तक छठ के कर्णप्रिय मधुर पारंपरिक गीत गूंज रहे, गली मोहल्लों से लेकर सभी छठ घाटों तक सभी सड़कों एवं घाट की साफ-सफाई देखने लायक थी। वहीं खतरनाक घाटों की जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के निर्देश पर बेरीकेटिंग की गई थी। एवं किसी भी घटना की आशंका को लेकर सभी घाटों पर पुलिस बल एवं मजिस्ट्रेट की तैनाती थी। दंगा नियंत्रण बल,बिहार पुलिस, एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम, सीआईडी की टीम के अलावे एंबुलेंस अग्निशमन सेवा की पूरी टीम व चिकित्सकों द्वारा घाटों पर शिविर लगाए गए थे। ताकि घाट पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।

लखीसराय जिले के आसपास के सभी घाटों को नगर परिषद एव स्थानीय घाट समितियों व समाजसेवी और युवाओं द्वारा साफ सफाई के साथ सजाया गया था। भगवान भास्कर के उगते ही लोगों ने जय छठी मैया और सूर्य भगवान की जय जयकार किया और अर्घ दिया।बताते चलें कि खरना के साथ ही छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया,पर्व के तीसरे दिन शाम का डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया,उसके बाद सुबह का उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पर्व समाप्त हुआ इसके बाद छठ व्रती ने अन्न जल ग्रहण किया।

लखीसराय संवाददाता सरफराज 

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