नौलागढ़ विकास मंच के तत्वावधान में भव्य लोकार्पण समारोह का किया जाएगा आयोजन, जुटेंगे साहित्य जगत के दिग्गज।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिला के वीरपुर प्रखंड क्षेत्र में आगामी 30 जुलाई को नौलागढ़ में इतिहासकार प्रो फुलेश्वर सिंह रचित नौलागढ़ का प्राचीन इतिहास पुस्तिका का लोकार्पण होगा। इस अवसर पर नौलागढ़ विकास मंच के तत्वावधान में भव्य लोकार्पण समारोह का आयोजन किया जायेगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व सांसद रामजीवन सिंह करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा उपस्थित रहेंगे। समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। उक्त जानकारी रविवार को नौलागढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंच के संस्थापक सह प्रत्यक्ष गवाह के संपादक पुष्कर प्रसाद सिंह ने दी।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने हेतु लगातार जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में नौलागढ़ का काफी समृद्ध इतिहास रहा है। यहां स्थित टीले के सर्वेक्षण व उत्खनन से क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
साथ ही यहां एक संग्रहालय की स्थापना किये जाने से पुरातात्विक अवशेषों को संरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नौलागढ़ के बगल से गुजरने वाली बैती नदी की गहराई कम होने की वजह से यह जहां तहां सूख चुकी हैं। नदी की खुदाई होने से जहां क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा वहीं पर्यटकों को इसका लाभ मिलेगा।
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुये इतिहासकार प्रो फुलेश्वर सिंह ने कहा कि यह क्षेत्र प्राचीन काल में काफी समृद्ध था। नौलागढ़ में आदिम कृषक संस्कृति के सबूत के रूप में कृषि उपकरण कुदाल आदि मिले हैं। वहीं उत्तर वैदिक काल के भी प्रमाण मिले हैं। पाली साहित्य में भी इस स्थल का जिक्र है कि गौतम बुद्ध अपने 48वें वर्ष में इस क्षेत्र का दो बार भ्रमण किये थे।
प्राचीन काल में नौलागढ़ में विकसित बाजार था व समृद्ध ग्रामीण संस्कृति फैली हुई थी। यहां मौर्य काल के मृद भांड व सम्राट अशोक द्वारा निर्मित फसियारा के सबूत भी मिले हैं। इस क्षेत्र में गुप्त काल के सिक्के भी मिले हैं। नौलागढ़ का स्वर्णिम काल पाल काल में था। पाल वंशीय राजा ने नौलागढ़ को अपनी राजधानी बनाई थी।
उन्होंने कहा कि नौलागढ़ के विस्तृत खुदाई से इसके ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व का पता चलेगा तथा कई ऐतिहासिक तथ्यों से पर्दा उठेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विस्तृत खुदाई से यहां के किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा।
इतिहासकार डॉ संजय भारद्वाज ने कहा कि बेगूसराय के कण कण में इतिहास भरा है। मानव सभ्यता की शुरुआत काल से यहां का इतिहास है। यह गौतम बुद्ध का परिभ्रमण क्षेत्र रहा है।
मौके पर पूर्व मुखिया अरुण प्रसाद सिंह, राम सागर प्रसाद सिंह, रामानंद सिंह तिवारी, शिव शंकर यादव गोरेलाल, शिक्षक अनिल कुमार सिंह, ललन सिंह आदि उपस्थित थे।
बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा