22 मार्च बुधवार को कलश स्थापना के साथ शुरू हो जाएगा चैत्र नवरात्रि

इस बार मां दुर्गा का आगमन इस बार नौका पर एवं मां हाथी पर करेंगी प्रस्थान, 28 मार्च सप्तमी तिथि मंगलवार की रात्रि में होगा मां भगवती की निशा पूजा तथा 29 मार्च को महा अष्टमी व्रत के साथ 31 मार्च को होगा विजयादशमी।

 

इस बार मां दुर्गा का आगमन इस बार नौका पर एवं मां हाथी पर करेंगी प्रस्थान, 28 मार्च सप्तमी तिथि मंगलवार की रात्रि में होगा मां भगवती की निशा पूजा तथा 29 मार्च को महा अष्टमी व्रत के साथ 31 मार्च को होगा विजयादशमी।

डीएनबी भारत डेस्क

बुधवार 22 मार्च को कलश स्थापना के साथ शुरू होगा आस्था का महापर्व चैत्र नवरात्रि। श्रद्धालु चैत्र नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा उपासना पूरे विधि विधान के साथ करते हैं। वहीं इस बार चैत्र नवरात्रि में माता का आगमन नौका पर एवं प्रस्थान हाथी से करेंगी। 31 मार्च शुक्रवार को विजयादशमी है।

ज्योतिषाचार्य अविनाश कुमार शास्त्री ने बताया कि मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और अन्य देवी-देवताओं के साथ पृथ्वी लोक पर आती है। वहीं उन्होंने कहा माता रानी के आगमन एवं प्रस्थान वाहन का शुभ अशुभ फल का सूचक माना गया है।

इसका प्रकृति से लेकर मानव जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव से जोड़कर भी देखा जाता है। नौका वाहन पर मां के आगमन का फल नाव जो कि जल परिवहन का साधन है। ऐसे में जब मां दुर्गा नाव पर आती है तो यह अच्छी बारिश और अच्छी फसल का संकेत देता है। जब मां दुर्गा हाथी पर प्रस्थान करेंगे तो इसका फल होता है अधिक वर्षा होना। माता का नौका पर सवार होकर आना सर्वसिद्धि दायक है।

इस बार 27 मार्च षष्ठी तिथि को मां भगवती के पूजा दिन बेल के पेड़ में निमंत्रण दिया जाएगा। 28 मार्च के रात्रि में निशा पूजा की जाएगी, 29 मार्च को महाअष्टमी का व्रत होगा। जबकि 30 मार्च को महानवमी व्रत, त्रिशूलनि पूजा और रामनवमी पूजा होगी एवं 31 मार्च को अपराजिता पूजा, विजयादशमी व नवरात्र व्रत का पारण के साथ मां दुर्गा कलश विसर्जन होगा।

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