डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय/बरौनी यार्ड के इमरजेन्सी हूटर जोर-जोर से बजने लगा जिसे सुनते ही मंडल का दुर्घटना सहायता तंत्र तत्काल सक्रिय हो गया । सूचना मिली कि गढहरा यार्ड में लोको गुमटी नम्बर 6 के समीप एक गंभीर रेल दुर्घटना हुई है। ट्रेन के दुर्घटना प्रभावित कोच में करीब 45 से 55 लोग फंसे हुए हैं ।जिनमें से कई लोग घायल भी हैं ।सूचना मिलते ही तत्काल दुर्घटना सहायता यान को दुर्घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया गया। साथ ही रेलवे के अधिकारी एवं कर्मचारी दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो गए ।
दुर्घटना स्थल पर दुर्घटना सहायता यान के पहुंचते ही युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। इस बचाव कार्य मे 6 बीएन एनडीआरएफ की भी मदद ली गई ।लगभग एक घंटे बाद एडीआरएम श्री योगेश कुमार ने सूचित किया कि यह वास्तविक हादसा नहीं बल्कि मॉक था, जो अचानक होने वाले हादसे के वक्त कैसे निपटा जाए इसके लिए अभ्यास किया गया।इस दुर्घटना सहायता एवं बचाव कार्य के मॉक ड्रिल में सहायता तथा बचाव के सभी कार्य ठीक उसी प्रकार किये गए जैसे कि वास्तविक दुर्घटना के बाद रेस्क्यू के दौरान किये जाते हैं।रेस्क्यू के दौरान बचाव दल द्वारा डिब्बों को कटर से काटा गया तथा डिब्बे की छत को काटकर घायल लोगों को बाहर निकाला गया।
सामान्य रूप से घायल यात्रियों का दुर्घटना स्थल पर ही उपस्थित डॉक्टर्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा प्राथमिक उपचार कर दिया गया ।इस दौरान गैस कटर से काम करने से आग लगने की भी मॉक ड्रिल की गई । मॉक ड्रिल में मंडल के 4 डॉक्टर्स सहित कुल 18 मेडिकल स्टाफ तथा कमर्शियल ,इंजीनियरिंग, मेकैनिकल, इलेक्ट्रिकल आदि विभागों के करीब 100 से ज्यादा कर्मचारी शामिल थे।दुर्घटना स्थल पर कोऑर्डिनेशन, आवश्यक निर्देश देने, व्यवस्था बनाये रखने तथा प्रबंधन हेतु डीआरएम ,एडीआरएम के साथ -साथ अन्य ब्रांच अधिकारी भी उपस्थित रहे ।मॉक ड्रिल के पश्चात मंडल रेल प्रबंधक श्री विवेक भूषण सूद ने इसे पूरी तरह सफल एवं संतोषजनक बताया ।
उन्होंने सभी कमर्चारियों एवं अधिकारियों की तत्परता की सराहना भी की एवं बताया कि यह मॉक ड्रिल रेलवे और एनडीआरफ के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।इस तरह का अभ्यास संबंधित विभागों और संगठनों को अपनी कुशलता और तैयारी का जायजा लेने का अवसर प्रदान करता है।अभ्यास के दौरान सामने आई कमियों को पहचानकर समय रहते दूर किया जाता है। ताकि इस प्रकार की दुर्घटना होने पर त्वरित करवाई कर जान-माल के नुकसान को रोका जा सके अथवा कम से कम किया जा सके। मंडल द्वारा समय – समय पर दुर्घटना सहायता हेतू सहायता एवं बचाव प्रबंध तथा कर्मचारियों की तत्परता की जांच हेतु इस तरह के मॉक ड्रिल आयोजित किये जाते रहते हैं।
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