150 वर्ष पुरानी है परम्परा,आज भी कंधे पर किया जाता है मां दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन,बाड़ा में मां वैष्णवी की पूजा करते आ रहे हैं श्रद्धालु

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर उत्तर खोदावंदपुर प्रखंड के बाड़ा गांव में स्थित मां देवी दुर्गा प्रतिमा पूजा का इतिहास करीब 150 वर्ष पुराना है । यहां माता के वैष्णवी स्वरूप के पूजा का प्रावधान है । लोगो की मान्यता है मां वैष्णवी की पूजा अर्चना जो कोई भी भक्त सच्चे मन से विधि विधान पूर्वक करता है । माता उनकी हर मनोकामना पूरा करती है । यहां की एक प्रमुख विशेषता है  कि माता के प्रतिमा का विसर्जन गाड़ी घोड़े के जिरए न करके भक्तजन अपने कंधे पर माता की डोली लेकर विसर्जन को जाते है ।

मंदिर का इतिहास :-

गांव के बूढ़े बुजुर्ग बताते हैं कि बाड़ा गांव में वैष्णवी दुर्गा देवी पूजा का प्रचलन करीब डेढ़ सौ साल पूर्व स्मृतिशेष परमेश्वर पासवान के द्वारा दैवीय प्रेरणा से अरंभ किया गया था ।  वर्तमान स्थल पर तब मिट्टी के भीत का देवी मंदिर हुआ करता था । करीब तीन दशक पूर्व मुखिया टिंकू राय के नेतृत्व में गांव के युवाओं की टोली व गांव के ही दबेकुचले लोगो द्वारा भव्य दुर्गा मंदिर बनाया गया । शारदीय नवरात्र में यहां पर प्रतिमा निर्माणकर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्र पूजा जाता है ।

प्रतिमा का निर्माण :-

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बाड़ा के वैष्णवी दुर्गा प्रतिमा का निर्माण स्थानीय कलाकारों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में गांव के ही मूर्तिकार विजय पंडित प्रतिमा का निर्माण करते हैं । पूर्व में भी इनके पूर्वजो द्वारा ही प्रतिमा का निर्माण किया जाता था । विजय पंडित बताते हैं माता के दिव्य स्वरूप मां दुर्गा के महिसापुर मर्दनी मुख्य प्रतिमा के साथ सरस्वती , लक्ष्मी , गणेश कार्तिक के साथ बसहा पर विराजमान , देवाधिदेव महादेव की प्रतिमा को बनाकर दुर्गा के दरबार को सजाया जाता है । इसके लिए जो मजूरी मिलता वह भगवती के प्रसाद स्वरूप होता है । जिससे हमे सकून और बरकत मिलता है ।

पूजा,मंडप और मेला:-

शारदीय नवरात्र में यहां भव्य पूजा पंडाल और मेला का आयोजन किया जाता है । प्रबंधन के तौर पर एक पूजा समिति गठित है ।जिसका अध्यक्ष टिंकू राय और कमलदेव सहनी कोषाध्यक्ष हैं । गांव का  हर परिवार समिति का सदस्य होता है । सबो के सहयोग से धूम धाम से दुर्गा पूजा मनाया जाता है । चार दिन के मेला में गांव के साथ दूर दराज के श्रद्धालु भी डेली दुर्गा मेला देखने आते है । यहां दुर्गा माता का सालोभर नियमित पूजा और संध्या आरती किया जाता है । वर्तमान में पंडित फुलेश्वर झा मुख्य पुजारी है । पूर्व के दिनों में भी इनके पूर्वज ही पूजा करते व कराते थे ।

मंदिर की विशेषताएं :-

बाड़ा स्थित माता दुर्गा मंदिर की वर्षो पुरानी व्यवस्था है कि यहां प्रतिमा का विसर्जन गाड़ी घोड़ा पर न होकर कंधे पर किया जाता है । कंधे पर नदी तक ले जाते हैंऔर विसर्जन करते है । क्या स्त्री क्या पुरुष प्रतिमा में अपना कंधा लगाना गर्व समझते है ।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट

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